आत्मा जन्म-जन्म का साथी
मुनि ने कहा कि शरीर की आवश्यकता है भोजन और आत्मा की आवश्यकता है भजन। शरीर इस जन्म का साथी, आत्मा जन्म-जन्म का साथी है। शरीर पांच भूतों से बना और पांच भूतों में विलीन हो जाना है। इसलिए हमें शरीर का शोषण और आत्मा का पोषण करना है। तप के माध्यम से हमें केवल तन को नहीं तपाना अपितु मन को सरल और उदार बनाना है। मुनि ने सभी तपाराधकों-का अनुमोदन किया और साधुवाद संप्रेषित किया।
दिव्यता, भव्यता पैदा करने का पर्व
मुनि शालिभद्र ने श्रमण संघ की स्थापना, मरुधर केसरी मिश्रीमल मुनि, उपाध्याय पुष्कर मुनि के संयम शताब्दी वर्ष की शुभकामनाएं देते हुए श्रेयांस कुमार के दान की मार्मिक व्याख्या की। मुनि ने कहा कि अक्षय तृतीया मनुष्य में दिव्यता, भव्यता पैदा करने का पर्व है। यह पर्व हमारी संस्कृति की विरासत और हमारी अन्तश्चेतना को रुपांतरित करने का पर्व है। यह तृतीया ऐसी है जिसका कभी क्षय नहीं होता। साध्वी सत्यप्रभा ने कहा कि अक्षय तृतीया पर्व समस्त धर्मों में मनाया जाता है। यह ऐसा अबूझ मुहूर्त है जिसमे सभी कार्य सिद्ध सम्पन्न हो जाते हैं।साध्वी दर्शन प्रभा ने अक्षय तृतीया पर इक्षु रस की भांति मधुर बनने की प्रेरणा दी। साध्वी सुप्रभा ने भी विचार व्यक्त किए। साध्वी विपुलदर्शना ने अक्षय तृतीया के महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। साध्वी चैतन्यप्रभा ने अक्षय तृतीया पर शुभ संकल्प लेने की प्रेरणा दी। संचालन मुनि शालिभद्र व महावीरचंद मेहता ने किया। सभा में नौ व दस वर्ष के चिराग संचेती व लकी संचेती का वर्षीतप चर्चा का विषय बना रहा।
तपस्वियों का किया सम्मान
सभा में गुरु ज्येष्ठ पुष्कर जैन चैरिटेबल ट्रस्ट के तत्वावधान में निर्माणाधीन ज्येष्ठ पुष्कर आराधना भवन के उद्घाटन की बोली अशोक कुमार, महेन्द्र कुमार रांका परिवार ने ली। सभा में उदारमना दानदाताओं ने भवन के लिए दानराशि की घोषणा की। इस मौके पर समस्त 120 वर्षीतप तपस्वियों का सम्मान लाभार्थी परिवारों की ओर से किया गया। सभी को इक्षु रस से पारणा कराया गया। प्रतापगढ, राजस्थान से आए दीपक करणपुरिया ने भजनों की प्रस्तुति देकर माहौल में भक्तिरस का संचार किया। कार्यक्रम में मुम्बई, हुब्बल्ली, बल्लारी, कोप्पल, कोयम्बतूर, मंड्या, होसपेट, चेन्नई, शिवमोग्गा, बाणावार शहरों से श्रध्दालुओं उपस्थिति रही। दूस्ट अध्यक्ष नेमीचंद सालेचा ने स्वागत किया। ट्रस्ट के महामंत्री महावीर चंद मेहता ने निर्माणाधीन भवन की जानकारी दी। सभा में जैन कॉन्फ्रेंस बेंगलूरु के अध्यक्ष पुखराज मेहता, रतनचंद सिंघी, माणकचंड वडेरा, मीठालाल, दीपचंद भंसाली, प्रवीण भंडारी,दिलीप चोपडा, चेतनप्रकाश डूंगरवाल आदि उपस्थित रहे। इस मौके पर ट्रस्ट की ओर से भगवान महावीर जैन अस्पताल के डॉ. चंचलराज छल्लानी व संतोष अस्पताल के डॉ. भीकमचंद जैन को सेवा रत्न से सम्मानित किया गया। अंत में नरेश मुनि ने मंगल पाठ किया। दिनेश चोपड़ा ने धन्यवाद दिया।