चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. के. सुधाकर ने परीक्षार्थियों को सुरक्षा का आश्वासन दिया। बिना किसी डर के पर्चा लिखने की अपील की। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि छात्रों और अभिभावकों को चिंता करने की जरूरत नहीं है। सरकार ने परीक्षा के सुरक्षित संचालन के लिए सभी एहतियाती कदम उठाए हैं। परीक्षाएं छह सितंबर को समाप्त होंगी।
डॉ. सुधाकर ने कहा कि प्रदेश में संयुक्त प्रवेश परीक्षा, एसएसएलसी और मेडिकल (पीजी) की परीक्षाएं सफलतापूर्वक आयोजित हुई हैं। जेइइ (JEE MAIN) भी होगी। सरकार ने विद्यार्थियों के हित में निर्णय लिया है। कोरोना महामारी के समय परीक्षा के आयोजन को लेकर छिड़े विवादों पर उन्होंने कहा कि ज्यादातर विद्यार्थी परीक्षा के पक्ष में हैं। राजीनितक झुकाव के कारण कुछ संगठन परीक्षा का विरोध कर रहे हैं।
परीक्षा सुबह 10 बजे प्रारंभ हुई। निर्देशानुसार परीक्षार्थी सुबह सात बजे से ही अपने-अपने केंद्र पहुंचने शुरू हो गए थे। थर्मल स्क्रीनिंग व अन्य सुरक्षात्मक जांच के बाद ही परीक्षार्थियों को परीक्षा केंद्रों में आने की अनुमति दी गई। इस दौरान सामाजिक दूरी का खास ख्याल रखा गया।
सभी परीक्षार्थियों को तीन परत वाले मास्क और दस्ताने दिए गए। परीक्षा केंद्रों में प्रवेश करते ही छात्रों के हाथ सैनिटाइज करवाए गए। इसके अलावा छात्रों के आने से पहले परीक्षा केंद्रों के परिसर, फर्नीचर, कंप्यूटर, लिफ्ट, सीढ़ी, रेलिंग, टॉयलेट आदि को सैनिटाइज करवाया गया। परीक्षा केंद्रो के अंदर व बाहर अभ्यार्थियों की मदद के लिए तैनात अधिकारी व सुरक्षाकर्मी भी फेसशील्ड पहने नजर आए।
इस बार परीक्षा केंद्रों में बॉक्स रखे गए। परीक्षा के अंत में छात्रों को अपने जेईई मेन 2020 एडमिट कार्ड और रफ शीट्स कलेक्शन बॉक्स में डालने को कहा गया, ताकि सामाजिक दूरी के नियमों का पालन किया जा सके।
परीक्षा के आयोजन की जिम्मेदारी संभाले नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (national testing agency) के अनुसार बेंगलूरु में 25 हजार सहित प्रदेश भर के 33 परीक्षा केंद्रों में 40 हजार से ज्यादा विद्यार्थी परीक्षा में शामिल हो रहे हैं।
कंटेनमेंट जोन (containment zone) से आए या कोरोना के लक्षण वाले परीक्षार्थियों ने अलग कमरे में परीक्षा दी। कोरोना वायरस संक्रमण से सुरक्षा के लिए पर्यवेक्षकों को व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीइ) किट प्रदान की गई।