मंड्या. आचार्य विजय रत्नसेन सूरीश्वर ने कहा कि मंदिर व जिनालय में प्रभु के दर्शन करने पर भक्ति करने की लालसा जाग्रत होती है। भक्ति से मन में शांति की प्राप्ति होती है। उन्होंने कहा कि करूणा के अवतार परमात्मा सभी आत्माओं को सम्मान शाश्वत सुखी बनाने की उत्कृष्ट भावना वाला है। लोगों माता-पिता संसार से जाने के बाद उनकी तस्वीर पर फूल . माला पहनाकर कर याद करते है। उनकी समय रहते सेवा व सत्कार कर आशीर्वाद लेना चाहिए।