भाजपा का ओबीसी चेहरा रहे ईश्वरप्पा ने भाजपा में रहते हुए भी इसी तरह की ब्रिगेड शुरू की थी। भाजपा के कंेद्रीय नेताओं द्वारा इसे छोडऩे की सलाह दिए जाने के बाद तब उन्होंने इसे छोड़ दिया था। ईश्वरप्पा ने घोषणा की है कि प्रस्तावित ब्रिगेड किसी भी हिंदू संगठन या समूह के साथ खड़ी होगी। साथ ही, विभिन्न धार्मिक संस्थानों और मठों के प्रमुख प्रस्तावित ब्रिगेड का हिस्सा होंगे, जिसका दावा है कि इसका कोई राजनीतिक संबंध नहीं होगा।
ईश्वरप्पा ने कहा कि वे ब्रिगेड के संयोजक होंगे। पूर्व मंत्री गुलिहट्टी शेखर और ओबीसी नेता मुकुदप्पा सहित कुछ अन्य लोगों के अलावा, उनके बेटे कांतेश कार्यकारी अध्यक्ष होंगे। उन्होंने कहा कि अन्य मुद्दों के अलावा, ब्रिगेड उन लोगों का मुद्दा उठाएगी जिन्हें वक्फ बोर्ड से बेदखली के नोटिस मिले हैं।
भाजपा में सफाई की मांग पर बरकरार
जब उनसे पूछा गया कि अगर भाजपा के नेता उन्हें ऐसा प्रस्ताव देते हैं तो क्या वे भाजपा में फिर से शामिल होने पर विचार करेंगे, तो ईश्वरप्पा ने कहा कि अगर पार्टी को साफ करने के लिए उपाय किए जाते हैं तो वे इस पर विचार करेंगे। यह मांग उन्होंने भाजपा में रहते हुए उठाई थी। उन्होंने स्पष्ट रूप से वरिष्ठ नेता बीएस येडियूरप्पा का जिक्र करते हुए कहा, भाजपा से मेरे निष्कासन का मुख्य कारण मेरी मांग थी कि पार्टी को वंशवादी शासन लागू करने की कोशिश करने वालों के चंगुल से मुक्त करके साफ किया जाए। यह पूछने पर कि क्या वे इसी तरह की मांग कर रहे विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल के नेतृत्व वाले भाजपा के बागी विधायकों के समूह को समर्थन दे रहे हैं, तो ईश्वरप्पा ने कहा कि उन्होंने न तो भाजपा में किसी को समर्थन की पेशकश की है, न ही उन्होंने भाजपा में किसी से अपनी ब्रिगेड के लिए समर्थन मांगा है।