एनसीएलटी ने गत दिवस पारित एक आदेश में 228.45 करोड़ रुपए के कथित डिफॉल्ट को लेकर सीडीईएल के वित्तीय लेनदारों में से एक आइडीबीआइ ट्रस्टीशिप सर्विसेज लिमिटेड (आइडीबीआइटीएसएल) द्वारा दायर दिवालियापन याचिका को स्वीकार कर लिया। परिणामस्वरूप, भारतीय दिवाला और शोधन अक्षमता कोड यानी दिवालिया कानून (आइबीसी) के तहत दिवालियापन की कार्यवाही शुरू कर दी।
न्यायिक सदस्य के बिस्वाल और तकनीकी सदस्य मनोज कुमार दुबे की एक मंडली ने कर्ज में डूबी सीडीइएल के संचालन का नियंत्रण लेने के लिए एक अंतरिम समाधान पेशेवर (आइआरपी) नियुक्त किया है।
एनसीएलटी ने आशीष छावछरिया को आइआरपी नियुक्त किया और आइडीबीआइटीएसएल को दो लाख रुपए जमा करने का निर्देश दिया, ताकि आइआरपी को सार्वजनिक नोटिस जारी करने, दावे आमंत्रित करने आदि के लिए जो खर्च वहन करना होगा, उसे पूरा किया जा सके।
आइडीबीआइटीएसएल ने सितंबर 2023 में सीडीइएल के खिलाफ दिवालियापन याचिका दायर की थी, जिसमें दावा किया गया था कि सीडीइएल ने 228 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान नहीं किया है।