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बैंगलोर

लक्ष दीपोत्सव में जीवंत हुई 1400 साल की परंपरा, लाखों दीपों से जगमगाया मां पद्मावती मंदिर

Humcha Padmavati Story : एक लाख दीपों से जगमगाया होम्बुज मां पद्मावती मंदिर

बैंगलोरNov 18, 2019 / 04:53 pm

Saurabh Tiwari

लक्ष दीपोत्सव में जीवंत हुई 1400 साल की परंपरा, लाखों दीपों से जगमगाया मां पद्मावती मंदिर

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होम्बुज (शिवमोग्गा). दक्षिण भारत में ऐसा अलौकिक मंदिर है, जहां हर साल एक दिन में एक लाख से ज्यादा दीपक जलाए जाते हैं। खास बात तो यह है कि यह परंपरा 1400 साल से यहां चली आ रही है। यह मंदिर है राज्य के होम्बुज में स्थित मां पद्मावती का मंदिर। कर्नाटक में कार्तिक मास में इस प्रकार का उत्सव मनाने की परम्परा रही है। दीपक जलाने की यह परंपरा समय के साथ और भव्य होती जा रही है। इस दिन मां पद्मावती का स्वर्ण आभूषण से अद्भुत शृंगार भी किया जाता है। (Humcha Padmavati Story)
होम्बुज पद्मावती में हर शुक्रवार को मां पद्मावती का जुलूस निकलता है पर ज्येष्ठ मास में शुक्ल पक्ष की पंचमी, जिसे जैन धर्म में श्रुतपंचमी पर्व कहा जाता है, से होम्बुज पद्मावती में जुलूस निकला बंद होता है और कार्तिक कृष्ण पंचमी से फिर से निकलना शुरू होता है।
लक्ष दीपोत्सव में जीवंत हुई 1400 साल की परंपरा, लाखों दीपों से जगमगाया मां पद्मावती मंदिर
पंचांग में 15 दिन का अंतर होने से जहां दक्षिण भारत में रविवार को कार्तिक कृष्ण पंचमी थी, वहीं उत्तर भारत में मार्गशीर्ष कृष्ण पंचमी थी। देश भर से इस दिन यहां लाखों अनुयायी मां पद्मावती के मंदिर पहुंचते हैं। मंदिर को भव्य रूप से रोशन भी इस उत्सव के लिए किया जाता है। यहां लोग रात 11 बजे दीपक लगाकर लक्षदीप उत्सव मनाते हैं। रविवार को भी लक्षदीप उत्सव मनाया गया।
भट्टारक की गद्दी है यहां
यह स्थान जैन धर्म के अनुयायियों का यह एक मठ है। यहां भट्टारक की गद्दी है, जिसे भट्टारक देवेंद्र कीर्ति के नाम से जाना जाता है। यहां जो भी व्यक्ति भट्टारक बनकर बैठता है, उन्हें देवेंद्र कीर्ति के नाम से ही जाना जाता है।
भट्टारक समस्त क्षेत्र की व्यवस्था का प्रबन्धन करवाते हैं। साथ ही अनुष्ठान, धार्मिक कार्य और समारोह उन्हीं के सानिध्य में आयोजित होते हैं। होम्बुज में भगवान पाश्र्वनाथ की यक्षणी मां पद्मावती का मंदिर है।
राजवंश को मिली श्रेष्ठ महिला शासक
माता की भक्ति और शक्ति का ही प्रताप है कि इस राजवंश को चाकल देवी, कालल देवी और शासन देवी आदि जैसी कई शक्तिशाली महिला शासक मिलीं। होम्बुज की गुरुपरंपरा कुन्दकुन्दानवयांतर्गत नंदी संघ से संबंधित है।
मथुरा से भी है नाता
सातवीं सदी में उत्तर मथुरा के उग्रवंशी जिनदत्त राय ने होम्बुज में अपने राज्य की स्थापना की थी। यह राजा जैन धर्मावलम्बी और यक्षणी पद्मावती देवी के परम भक्त थे। यहां पर कुल दस मंदिर हैं, परन्तु मुख्य मंदिर अतिशय पद्मावती जैन मंदिर है, जो भगवान पाश्र्वनाथ मंदिर के साथ स्थित है।

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