इस मामले में 527 आरोपपत्र गवाह हैं और पिछले दो वर्ष में उनमें से केवल 90 से पूछताछ की गई है। हालांकि उच्च न्यायालय ने फरवरी, 2019 में नायक की पिछली जमानत याचिका को खारिज करते हुए निचली अदालत को मुकदमे में तेजी लाने का निर्देश दिया था।
न्यायाधीश एस. विश्वजीत शेट्टी ने 7 दिसंबर को 51 वर्षीय नायक की याचिका को अनुमति देते हुए यह आदेश पारित किया, जिसने 6 जुलाई को ट्रायल कोर्ट द्वारा मुकदमे में अत्यधिक देरी के आधार पर उसे जमानत पर रिहा करने से इनकार करने के बाद उच्च न्यायालय का रुख किया था।
दक्षिण कन्नड़ जिले के सुलिया तालुक के संपाजे के मूल निवासी नायक पर कर्नाटक संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (केसीओसीए), 2000 के प्रावधानों के तहत आरोप लगाया गया था।