scriptपहले स्वदेशी बमवर्षक यूएवी ने भरी उड़ान | निर्माण फ्लाइंग वेज डिफेंस एंड एयरोस्पेस में मेक इन इंडिया के तहत हुआ है | Patrika News
बैंगलोर

पहले स्वदेशी बमवर्षक यूएवी ने भरी उड़ान

देश के पहले लड़ाकू मानवरहित विमान एफडब्ल्यूडी 200 बी ने भरी उड़ान
विमान का निर्माण फ्लाइंग वेज डिफेंस एंड एयरोस्पेस में मेक इन इंडिया के तहत हुआ है
आयातित अमेरिकी प्रीडेटर ड्रोन की लागत के दसवें हिस्से के बराबर है
बेंगलूरु. फ्लाइंग वेज डिफेंस एंड एयरोस्पेस (एफडब्ल्यूडीए) में निर्मित भारत के पहले स्वदेशी मानवरहित बमवर्षक विमान ‘एफडब्ल्यूडी 200 बी’ की सफल उड़ान भरी। यह देश के रक्षा क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम है। मंगलवार को बेंगलूरु के फॉर्च्यून पार्क जेपी सेलेस्टियल में आयोजित पत्रकार सम्मेलन में फ्लाइंग वेज डिफेंस एंड एयरोस्पेस के सीईओ एवं संस्थापक सुहास तेजस्कंदा ने यह जानकारी दी। इस अवसर पर मुख्य तकनीकी अधिकारी प्रज्ज्वल भट्ट, मुख्य परिचालन अधिकारी डीबीवी नरसिम्हन भी उपस्थित थे।
तेजस्कंदा ने बताया कि भारत को आधुनिक रक्षा क्षमताओं से लैस करने वाले इस यूएवी को मध्यम ऊंचाई 15000 फीट, लंबी क्षमता (एमएएलई) मानवरहित लड़ाकू हवाई वाहन (यूसीएवी) के रूप में वर्गीकृत किया गया है। एफडब्ल्यूडी 200बी, निगरानी के लिए ऑप्टिकल पेलोड और हवाई हमलों और बमबारी के लिए मिसाइल जैसे हथियारों से लैस है।
उन्होंने कहा कि भारत पिछले पांच वर्षों में दुनिया का सबसे बड़ा हथियार आयातक है, और उसने अक्सर अमेरिका और इजरायल जैसे देशों से सैन्य प्रौद्योगिकी के लिए दस गुना तक कीमत चुकाई है। एफडब्ल्यूडी 200 बी की सफल उड़ान न केवल हमारी कंपनी के लिए एक उपलब्धि है, बल्कि पूरे देश की जीत है। उन्होंने कहा कि भारत को आत्मनिर्भर बनाते हुए यह ऐतिहासिक उपलब्धि स्वदेशी रूप से लड़ाकू यूएवी विकसित करने के वर्षों के लगातार प्रयासों का परिणाम है, जिसने उन सभी चुनौतियों पर काबू पा
लिया है, जो पहले प्रमुख रक्षा एजेंसियों द्वारा इसी तरह की पहल में बाधा बन रही थीं। विमान का वायुगतिकी डिजाइन, एयरफ्रेम, प्रणोदन प्रणाली, नियंत्रण प्रणाली, इलेक्ट्रॉनिक्स सभी भारत में एफडब्ल्यूडीए की अत्याधुनिक विनिर्माण सुविधा में बनाए गए हैं, जो 1.5 एकड़ भूमि पर बनी 12,000 वर्ग फीट की है।
एफडब्ल्यूडी 200 बी, में 5 मीटर (16.4 फीट) का पंख फैलाव और 3.5 मीटर (12.1 फीट) की लंबाई है, जो इसे कॉम्पैक्ट और शक्तिशाली बनाता है। विमान में 102 किलोग्राम का प्रभावशाली अधिकतम टेक-ऑफ वजन(एमटीओडब्ल्यू) है और यह 30 किलोग्राम का गोला बारूद ले जा सकता है, जिससे यह महत्वपूर्ण मिशनों को सटीकता के साथ संचालित करने में सक्षम है। 12,000 फीट की क्रूज ऊंचाई पर संचालन और 15,000 फीट की पूर्ण छत तक पहुंचने वाला, एफडब्ल्यूडी 200 बी, 250 किलोमीटर प्रति घंटा की अधिकतम गति के साथ 152 किलोमीटर प्रति घंटा की क्रूज गति से उड़ सकता है। यह 300 मीटर के रनवे से उड़ान भरने में सक्षम है,जिससे यह छोटी हवाई पट्टियों से भी संचालित हो सकता है। 7 घंटे की धीरज और 800 किलोमीटर की परिधि में अपना मिशन सुनिश्चित कर सकता है। एफडब्ल्यूडी 200 बी बार-बार ईंधन भरने या लैंडिंग की आवश्यकता के बिना पर्याप्त कवरेज प्रदान कर सकता है।

बैंगलोरSep 03, 2024 / 07:00 pm

Yogesh Sharma

निजी क्षेत्र की कंपनी ने किया है विकास

बेंगलूरु. देश के पहले स्वदेशी मानवरहित (यूएवी) बमवर्षक ‘एफडब्ल्यूडी 200 बी’ ने सफल उड़ान भरी। विमान का विकास करने वाली निजी क्षेत्र की कंपनी फ्लाइंग वेज डिफेंस एंड एयरोस्पेस (एफडब्ल्यूडीए) के सीईओ एवं संस्थापक सुहास तेजस्कंदा ने यह जानकारी दी।
तेजस्कंदा ने बताया कि इस यूएवी को 15000 फीट की मध्यम ऊंचाई और लंबी क्षमता (एमएएलई) वाले मानवरहित लड़ाकू हवाई वाहन (यूसीएवी) के रूप में वर्गीकृत किया गया है। यह विमान निगरानी के लिए ऑप्टिकल पेलोड और हवाई हमलों और बमबारी के लिए मिसाइल जैसे हथियारों से लैस है।उन्होंने कहा कि भारत पिछले पांच वर्षों में दुनिया का सबसे बड़ा हथियार आयातक है और देश ने अक्सर अमरीका और इजरायल जैसे देशों से सैन्य प्रौद्योगिकी के लिए दस गुना तक कीमत चुकाई है। एफडब्ल्यूडी 200 बी की सफल उड़ान न केवल हमारी कंपनी के लिए उपलब्धि है, बल्कि पूरे देश की जीत है। विमान का वायुगतिकी डिजाइन, एयरफ्रेम, प्रणोदन प्रणाली, नियंत्रण प्रणाली, इलेक्ट्रॉनिक्स सभी देश में ही कंपनी ने बनाए हैं।
यूएवी 5 मीटर (16.4 फीट) पंख फैलाव और 3.5 मीटर (12.1 फीट) की लंबाई के साथ कॉम्पैक्ट और शक्तिशाली है। इसका अधिकतम टेक-ऑफ वजन (एमटीओडब्ल्यू) 102 किलोग्राम है और यह 30 किलोग्राम का गोला बारूद ले जा सकता है। 12,000 फीट की क्रूज ऊंचाई पर संचालन और 15,000 फीट की अधिकमतम सीमा तक पहुंचने पर 152 किलोमीटर प्रति घंटा की क्रूज गति से उड़ सकता है। इसकी अधिकतम गति 250 किलोमीटर प्रति घंटा है। यह 300 मीटर के रनवे से उड़ान भरने में सक्षम है,जिससे यह छोटी हवाई पट्टियों से भी संचालित हो सकता है। कंपनी ने 3 मई को इस यूएवी का अनावरण किया था। तेजस्कंदा ने बताया कि कंपन का मुख्य उद्देश्य अन्य देशों से भारत के महंगे ड्रोन आयात को कम करना और मेक इन इंडिया को बढ़ावा देना है। इस अवसर पर मुख्य तकनीकी अधिकारी प्रज्ज्वल भट्ट, मुख्य परिचालन अधिकारी डी.बी.वी. नरसिम्हन भी उपस्थित थे।

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