संघीय एजेंसी ने सोमवार को नटेश और एमयूडीए के एक अन्य पूर्व आयुक्त जीटी दिनेश कुमार से जुड़े परिसर पर छापेमारी की थी। एजेंसी ने इस मामले में ताजा कार्रवाई के तहत बेंगलूरु और मैसूरु में स्थित सात से आठ परिसर की तलाशी ली थी।
सूत्रों ने बताया कि ईडी यहां अपने कार्यालय में नटेश का बयान दर्ज कर रही है, जबकि उसने कुमार को जांच में शामिल होने को कहा है। उन्होंने बताया कि सोमवार को छापेमारी के दौरान वह अपने परिसर में नहीं मिले। मुख्यमंत्री के कथित करीबी सहयोगी राकेश पापण्णा और मंजूनाथ नामक बिल्डर के यहां भी ईडी ने छापेमारी की।
इस मामले में शिकायतकर्ता सामाजिक कार्यकर्ता स्नेहमयी कृष्णा ने सोमवार को कहा कि उन्होंने अपनी शिकायत के समर्थन में ईडी को ‘वीडियो साक्ष्य’ सौंप दिए हैं। संघीय एजेंसी ने इस मामले में पहले दौर की छापेमारी 18 अक्टूबर को की थी। तब उसने एमयूडीए कार्यालय तथा कुछ अन्य स्थानों की तलाशी ली थी।
ईडी ने पिछले सप्ताह बेंगलुरु क्षेत्रीय कार्यालय में एमयूडीए के कनिष्ठ अधिकारियों से भी पूछताछ की थी। लोकायुक्त की प्राथमिकी का संज्ञान लेते हुए, ईडी ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत प्रवर्तन मामले से संबंधित प्राथमिकी दर्ज की है। सिद्धरामय्या एमयूडीए द्वारा उनकी पत्नी को 14 भूखंड आवंटित करने में कथित अनियमितताओं को लेकर लोकायुक्त और ईडी की जांच का सामना कर रहे हैं।