पिछली लोकसभा के दौरान मल्लिकार्जुन खरगे सदन में पार्टी के नेता थे। चुनावी राजनीति में लगभग 5 दशक तक अपराजेय खरगे गुलबर्गा संसदीय सीट (कलबुर्गी) से 2019 का लोकसभा चुनाव हार गए। उन्हें कांग्रेस से पाला बदलकर भाजपा में शामिल हुए उमेश जाधव ने शिकस्त दी थी। खरगे की यह अपने जीवन की पहली हार थी। फिलहाल वे महाराष्ट्र कांग्रेस प्रभारी हैं और पार्टी ने उन्हें आश्वस्त किया था कि मौका मिलते ही उन्हें राज्यसभा में लाया जाएगा।
मल्किार्जुन खरगे की उम्मीदवारी घोषित होने के साथ ही उनकी जीत भी लगभग पक्की हो गई है। यहां राज्य सभा की 4 सीटों पर आगामी 19 जून को मतदान तय है और जीत के लिए किसी प्रत्याशी को अधिकतम 45 मतों की आवश्यकता होगी। राज्य की 224 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 68 विधायक हैं और वह एक सीट आसानी से जीत लेगी। भाजपा के 117 सदस्य हैं और वह दो सीट आसानी से जीत सकती है। हालांकि, कांग्रेस के दो सदस्यों बीके हरिप्रसाद और राजीव गौड़ा का कार्यकाल 25 मई को पूरा हो रहा है लेकिन पार्टी फिलहाल एक ही सीट आसानी से जीतने की स्थिति में है।
सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस दूसरे सीट पर जद-एस के संभावित उम्मीदवार और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा की उम्मीदवारी का समर्थन कर सकती है। जद-एस के 34 विधायक हैं और उसे एक सीट हासिल करने के लिए कम से कम 11 सदस्यों के समर्थन की आवश्यकता होगी। ऐसे में देवगौड़ा को राज्यसभा भेजनेे में कांग्रेस मदद कर सकती है और इसके बदले वह जद-एस से विधान परिषद चुनाव में अपने उम्मीदवार के लिए समर्थन चाहेगी।