अंत्योदय एक्सप्रेस एक पूर्णत: अनारक्षित ट्रेन है जिसके परिचालन का मूल मकसद आम लोगों के लिए ट्रेन सेवा सुगम बनाना है। गोहिन ने कहा कि भारतीय रेलवे आम लोगों के लिए सुलभ और सस्ती रेल सेवा उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि भारतीय रेलवे ने हाल के वर्ष में हमसफर, अंत्योदय, तेजस और उदय श्रेणी के ट्रेनों का परिचालन शुरू किया है। वहीं दीन दयालु, अनुभूति और स्वर्ण कोचों की शृंखला कई ट्रेनों में जोड़ी गई है जो यात्रियों के लिए ज्यादा आरामदायक हैं। इस अवसर पर केन्द्रीय पर्यटन मंत्री अलफांसो के. भी उपस्थित थे।
बेंगलूरु आए तीन बच्चे बस स्टैंड पर भटकते मिले
बाल सहायता केंद्र की टीम ने पहुंचाया घर
बेंगलूरु. तुमकूरु स्थित सिद्धगंगा मठ में पढ़ रहे तीन बच्चे शुक्रवार को बेंगलूरु घूमने के लिए आए थे। घूमने के बाद यहां पैसा खत्म होने पर तीनों वापस नहीं जा सके। वे रात भर कैंपेगौड़ा बस स्टैंड पर भटकते रहे। सुबह बेंगलूरु महानगर परिवहन निगम (बीएमटीसी) के स्टाफ ने उन्हें लावारिस घूमते देखकर पूछताछ की। बाद में बच्चों को बस स्टैंड स्थित बाल सहायता केेंद्र के सुपुर्द कर दिया।
केेंद्र के कर्मचारियों ने बच्चों के बताए मोबाइल नंबर से जानकारी ली। एक बच्चे मंजूर के पिता ने बताया कि उनके दो पुत्र मंजूर व कार्तिक सिद्धगंगा मठ में पढ़ते हैं। शुक्रवार को वे बेंगलूरु घूमने गए थे। उन्होंने रेस्क्यू टीम की सदस्य मंजुला से तीनों बच्चों को घर भिजवाने का आग्रह किया। इस के बाद बच्चों को परंगी पाळिया का टिकट दिलवाकर बस में बैठा दिया गया और बस पहुंचने का समय भी परिजनों को बता दिया।
मंजुला ने बताया कि मंजूर व कार्तिक सगे भाई हैं। मंजूर आठवीं तथा कार्तिक सातवीं में पढ़ता है। जबकि उनके पड़ोसी का बच्चा सूर्या छठी कक्षा में पढ़ता है। मंजुला ने बताया कि उन्होंने सिद्धगंगा मठ में भी बात की है। वहां से भी बच्चों के बेंगलूरु आने की पुष्टि हुई है।