5 फरवरी को जब सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार केंद्र सरकार ने राम जन्मभूमि ट्रस्ट गठित करने की घोषणा की, उसी दिन हम्पी में कर्नाटक हनुमान जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट का गठन किया गया जो हम्पी के पूरे किष्किंधा पम्पाक्षेत्र का विकास करेगा। ट्रस्ट ने अपनी महत्वपूर्ण योजना में हम्पी में दुनिया की सबसे ऊंची 215 फीट की हनुमान प्रतिमा स्थापित करने की रूपरेखा तय की है।
ट्रस्ट इसकी शुरूआत शुक्रवार को महाशिवरात्रि पर हम्पी में एक विशाल जुलूस निकालकर करेगा। इसके तहत ट्रस्ट प्रमुख गोविंदानंद सरस्वती स्वामी के नेतृत्व में किष्किंधा में पूरे दिन कई प्रकार के आयोजन होंगे जिसमें शोभायात्रा में इस क्षेत्र की पौराणिक मान्यताओं की लोगों को जानकारी दी जाएगी। ट्रस्ट सूत्रों के अनुसार हम्पी पहले से ही प्रमुख पर्यटन स्थल के तौर पर राह है और जब ज्यादा से ज्यादा लोग जानेंगे कि त्रेता युग का किष्किंधा हम्पी ही है तब यह धार्मिक रूप से भी प्रमुख गंतव्य बन जाएगा। जैसे अयोध्या में राम की २२५ फीट की सबसे ऊंची प्रतिमा स्थापित होगी उसी तर्ज पर किष्किंधा में हनुमान की २१५ फीट की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। हनुमान की प्रतिमा का उनके आराध्य की प्रतिमा से १० फीट कम रखा जाएगा।
राष्ट्र भ्रमण करेगा 45 लाख का हनुमान रथ
हम्पी से जुड़े किष्किंधा के इतिहास का जन जन तक पहुंचाने के लिए ४५ लाख रुपए की लागत से एक हनुमान रथ का निर्माण किया गया है। रथ यात्रा इसी वर्ष शुरू होगी। योजना के तहत रथ देश के सभी जिलों और तालुकों से गुजरेगी और किषकिंधा में २१५ फीट की प्रतिमा निर्माण के लिए दान जुटाया जाएगा। रथा यात्रा का समापन अयोध्या में होगा। ट्रस्ट सदस्यों के अनुसार राष्ट्रव्यापी रथ यात्रा में करीब तीन साल का समय लगेगा। उसी दौरान किष्किंधा में प्रतिमा निर्माण का काम भी शुरू हो जाएगा। प्रतिमा एवं मंदिर निर्माण के लिए हम्पी में १० एकड़ जमीन खरीदी जाएगी और इसी साल हनुमान जयंती पर अयोध्या से 101 संत किष्किंधा आएंगे।
रामायण् सर्किट में शामिल हो सकता है हम्पी
केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी रामायण सर्किट में हम्पी को शामिल किया जा सकता है। केंद्रीय पर्यटन विभाग अगर इसे स्वीकृत करता है तो हम्पी को किष्किंधा के ऐतिहासिक महत्व को लेकर विकसित किया जा सकता है। ट्रस्ट सदस्यों ने उम्मीद जताई है कि इस बार के राज्य बजट में मुख्यमंत्री बीएस येडियूरप्पा इसे लेकर फंड आवंटित कर सकते हैं।