अलग-अलग तिथियों में खाता धारकों के फर्जी विड्राल भर और चेक के जरिए तीन करोड़ 17 लाख रुपये निकाल लिए। इसके अलावा दो करोड़ 37 लाख 56 हजार 505 रुपये की वित्तीय अनियमितता की गई। इस तरह से कुल पांच करोड़ 54 लाख से अधिक का घोटाला किया गया है। इस मामले की उप महाप्रबंधक उदरेज कुमार प्रजापति की अध्यक्षता में चार सदस्यीय टीम ने जांच की तो बैंक कैशियर से प्रबंधक तक दोषी पाए गए। इनके खिलाफ थाना बिसंडा में गबन की रिपोर्ट दर्ज कराई गई। बताते हैं कि प्रबंधक विजय शुक्ला व कैशियर नीरज त्रिपाठी को बर्खास्त करने के साथ ही शाखा प्रबंधक प्रशांत पांडेय, हरिहर प्रसाद कुशवाहा व सर्वेश शुक्ला को निलंबित कर दिया गया है।
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सर्फेक्टेंट, वह दोस्त जो आपकी स्किन की मासूमियत को रखेगा बरकरार, पर्यावरण का भी पूरा ख्याल पांच करोड़ से ज्यादा के घोटाले में दोषी अफसर जनवरी 2020 में तत्कालीन उपायुक्त व उप निबंधक दीपक सिंह ने सहायक निबंधक व सहायक आयुक्त राजेश कुमार से मामले की जांच कराई थी। इसमें भी पांच करोड़ से ज्यादा के घोटाले के दोषी पाए गए थे। चित्रकूट धाम मंडल के उपायुक्त व उपनिबंधक बीरेन्द्र बाबू दीक्षित ने बताया कि यह मामला जिला सहकारी बैंक शाखा ओरन के करीब पांच सौ खाता धारकों का है। पांचो को धारा 68 के तहत को नोटिस भेजकर अगस्त के पहले सप्ताह में सुनवाई के लिए तलब किया गया है। इसके बाद खाता धारकों से उनका पक्ष जानने के लिए उन्हें बुलाया जाएगा।