महिलाओं का सम्मान और उनकी सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है, इसलिए एक समावेशी समाज के निर्माण की जरूरत है, जहां महिलाओं और बालिकाओं को संसाधनों व अवसरों के इस्तेमाल का बराबरी का अधिकार हो ताकि भारत की सामाजिक, आर्थिक व राजनीतिक विकास में भागीदारी देने में महिलाएं सक्षम हों। समावेशी विकास के लिए आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय बदलाव लाने में महिलाओं की मुख्य भूमिका है। इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए वर्तमान में चल रही योजनाओं में आवश्यक बदलाव लाना जरूरी है। इसे मिशन शक्ति के तहत प्राप्त किया जा सकता है।
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बच्चों के कल्याण में मिशन वात्सल्य करेगा सहयोग
जिले के विकास के लिए बच्चों की खुशहाली बहुत जरूरी है। वह भविष्य में देश के मानव संसाधन के रूप में अपना योगदान देते हैं। सरकार द्वारा उनके पोषण, वितरण और इसकी पहुंच तथा इसके परिणाम को मजबूत करने के लिए सप्लीमेंट्री न्यूट्रिशन प्रोग्राम (पूरक पोषण कार्यक्रम) तथा पोषण अभियान को मिशन पोषण 2.0 के तहत विलय कर दिया गया है। बच्चों की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करने के लिए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने नई पहल की है, इन उद्देश्यों को मिशन वात्सल्य सुनिश्चित करता है।
तीन अम्ब्रेला स्कीम्स में पहला सक्षम आंगनबाड़ी, पोषण 2.0 परियोजना में आईसीडीएस आंगनबाड़ी सेवा, पोषण अभियान, किशोरियों के लिए योजना व राष्ट्रीय क्रेश योजना को शामिल किया गया है। दूसरे मिशन वात्सल्य में बाल सुरक्षा सेवाएं व बाल कल्याण सेवाओं को शामिल किया गया है। तीसरे मिशन शक्ति (महिलाओं के सशक्तिकरण और सुरक्षा के लिए मिशन) में संबल (वन स्टॉप सेंटर, महिला पुलिस वालंटियर, महिला हेल्पलाइन, स्वधर, उज्जवला, विधवा आश्रम) तथा समर्थ (बेटी बचाओं, बेटी पढ़ाओ, पालना घर, प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना, जेंडर व शोध ) योजनाओं को शामिल किया गया है।