पुलिस ने जांच और तेज़ की पूर्वांचल के बाहुबली नेताओं में बलरामपुर के पूर्व सांसद रिज़वान ज़हीर का नाम भी आता है। रिज़वान ज़हीर पर दो शूटरों की मदद से फ़िरोज़ पप्पू की हत्या का आरोप है। ऐसी संभावना जताई जा रही है कि, यूपी विधानसभा चुनावों को लेकर रिज़वान ज़हीर ने फ़िरोज़ पप्पू की हत्या कराई है। रिज़वान ज़हीर को गिरफ्तार करने बाद यूपी पुलिस ने मामले की जांच और अधिक तेज़ कर दी है।
यूपी पंचायत चुनाव में गए थे जेल रिज़वान ज़हीर को यूपी पंचायत चुनाव के तीसरे चरण में तुलसीपुर थाना क्षेत्र के बेलीकला गांव में आगजनी, बवाल के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। तुलसीपुर विकासखंड के नवानगर जिला पंचायत क्षेत्र से रिजवान जहीर की पत्नी हुमा रिजवान व कांग्रेस नेता दीपांकर सिंह की पत्नी अरुणिमा सिंह जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ रही थीं। इस मामले में पुलिस ने रिजवान जहीर और कांग्रेसी नेता दीपांकर सिंह समेत 11 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
बेटी जेबा रिजवान के लिए बिछाई राजनैतिक बिसात तमाम बड़े दलों का स्वाद चखने के बाद पूर्व सांसद और बहुबली नेता रिजवान जहीर ने 17 साल बाद अक्टूबर 2021 में एक बार फिर समाजवादी पार्टी का पल्ला थाम लिया। रिजवान जहीर 3 बार विधायक और 2 बार सांसद रह चुके हैं। अपनी ग्लैमरस छवि को लेकर रिजवान जहीर आम जनता में काफी लोकप्रिय थे। माना जा रहा है कि 2022 के विधानसभा चुनाव में रिजवान जहीर ने अपनी बेटी जेबा रिजवान के लिए यह राजनैतिक बिसात बिछाई है।
रिजवान जहीर के राजनीतिक करियर के बारे में जानें रिजवान जहीर वर्ष 1989 तुलसीपुर विधानसभा क्षेत्र निर्दलीय विधायक चुने गए। फिर बसपा से दो बार विधायक बने। वर्ष 1996 में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में बलरामपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा पर हार गए। वर्ष 1998 में रिजवान जहीर साइकिल पर बैठे। और पहली बार सांसद बने। 1999 में पुनः समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी के रूप में बलरामपुर लोकसभा से सांसद चुने गए। 2004 में बीएसपी में शामिल हो गए। 2009 के लोकसभा चुनाव में रिजवान जहीर पुनः बीएसपी प्रत्याशी के रूप में श्रावस्ती लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े पर कांग्रेस के विनय कुमार पांडे से पराजित हो गए। 2014 की लोकसभा चुनाव में पीस पार्टी का दामन थामा। भाजपा प्रत्याशी दद्दन मिश्रा से चुनाव हार गए। 2014 के बाद रिजवान जहीर ने कांग्रेस पार्टी का हाथ थामा। कांग्रेस पार्टी से मोहभंग हो गया और उन्होंने पुनः बसपा में शामिल हो गए। 2022 के चुनाव को देखते हुए रिजवाने ने अपना पैंतरा बदला है। और साइकिल फिर सवार हो गए।