पचावल गांव से लगे जंगल में सोमवार को महुआ बीनने गए ग्रामीणों ने एक महुआ के पेड़ पर महिला एवं किशोर का शव फांसी पर झूलता देखा। शव पचावल निवासी लक्ष्मी यादव उम्र 36 वर्ष एवं उसके पुत्र आशीष यादव उम्र १4 वर्ष की थी। मौके पर पहुंचे परिजन ने शवों को फांसी के फंदे से उतार लिया था।
पुलिस जांच में पता चला कि मृतका लक्ष्मी यादव 29 अप्रैल को इलाज कराने के नाम से घर से निकली थी। वहीं उसका पुत्र आशीष यादव 27 अप्रैल को नाना के यहां जाने के नाम पर निकला था। दोनों वापस नहीं लौटे थे। सोमवार सुबह दोनों का शव गांव के बाहर फांसी के फंदेे पर झूलता मिला।
परिजन के अनुसार लक्ष्मी का मोबाइल खराब हो गया था और उससे संपर्क नहीं हुआ था। पुलिस जांच में पता चला है कि लक्ष्मी यादव अपने पति हृदय नारायण यादव की दूसरी पत्नी थी। हृदय नारायण यादव की पहली पत्नी से 2 बच्चे थे, जिनमें छोटे बेटे ने पिछले वर्ष फांसी लगा ली थी।
बड़े बेटे का विवाह एक माह पूर्व हुआ है। फांसी पर झूलता मिला आशीष लक्ष्मी यादव का बड़ा बेटा था। उसका छोटा बेटा 10 वर्ष का है जो अपने नाना-नानी के पास था।
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मृतका की मां मानमति यादव का कहना है कि उसकी पुत्री एवं दामाद का पहले से विवाद चल रहा था। दामाद उसके चरित्र पर संदेह करता था। दामाद ने फोन कर कहा था कि वह उसकी हत्या कर देगा। मानमति ने कहा कि दोनों की हत्या कर शव को फांसी के फंदे पर लटकाया गया है।
मानमति ने कहा कि लक्ष्मी स्वयं आत्महत्या कर सकती है लेकिन वह बच्चे को फांसी के फंदे पर नहीं लटका सकती। साक्ष्य छिपाने के लिए लडक़े की भी हत्या कर दोनों के शवों को लटका दिया गया है।
मामले की कर रहे हैं जांच
सनावल थाना प्रभारी अजय साहू ने कहा कि दोनों शवों का पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद पता चल सकेगा कि उनकी मौत की कारण क्या है। मृतका की मां ने हत्या का आरोप लगाया है। पुलिस सभी पहलुओं पर जांच कर रही है।