CG Child Suicide: सावधान! मोबाइल की लत ने 12 वर्षीय बच्चे की ले ली जान, भाई के साथ हुई थी कहासुनी
CG Child Suicide: कमरे का दरवाजा बंद कर मां की साड़ी से फंदा बनाया और झूल गया बालक, माता-पिता का रो-रोकर बुरा हाल, मोबाइल की लत अब बच्चों के लिए बन रहा जानलेवा
CG Child Suicide: मोबाइल की लत बच्चों के लिए अब जानलेवा भी साबित हो रही है। इसे रामानुजगंज के ग्राम मितगई में हुई घटना को देखकर समझा जा सकता है। यहां मोबाइल देखने को लेकर बच्चों के बीच मामूली कहा-सुनी हो गई। इसी बीच 12 वर्षीय बालक इतना आक्रोशित हो गया तक उसने कमरे का दरवाजा बंद कर फांसी (CG child suicide) लगा ली। इससे उसकी मौत हो गई। बच्चे ने अपनी मां की साड़ी का फंदा बनाया था। घटना की सूचना पर पुलिस ने मर्ग कायम कर शव का पोस्टमार्टम करा शव परिजनों को सौंप दिया। घटना की सूचना पर जिला पंचायत के सभापति राजेश यादव भी मौके पर पहुंचे थे।
रामानुजगंज थाना क्षेत्र के ग्राम मितगई के वार्ड क्रमांक-1 निवासी उदय विश्वकर्मा खेत की ओर गए थे। वहीं उनकी पत्नी घर के बाहर थी। सुबह करीब 9.30 बजे उनके बच्चे मोबाइल (CG Child Suicide in Ramanujganj) देख रहे थे। मोबाइल देखने को लेकर दोनों बच्चों के बीच मामूली विवाद हो गया।
इसी बीच उनका 12 वर्षीय पुत्र आदित्य विश्वकर्मा इतना गुस्सा (CG Child Suicide in Ramanujganj) हुआ कि दूसरे कमरे में चला गया और दरवाजा बंद कर फांसी (Commits suicide) लगा ली। घटना के 5 मिनट के भीतर पिता मौके पर पहुंचा तो बच्चों ने बताया कि आदित्य ने दरवाजा बंद कर लिया है। इसके बाद उन्होंने खपड़ा हटाकर देखा तो आशीष ने मां की साड़ी से फांसी लगा ली थी।
फिर कमरे में घुसकर उसे फंदे से उतारा और रामानुजगंज अस्पताल लेकर पहुंचे। यहां जांच पश्चात डॉ हेमंत दीक्षित ने उसे मृत घोषित कर दिया। घटना की सूचना पर पड़ोस में रहने वाले जिला पंचायत के सभापति राजेश यादव भी मौके पर पहुंचे।
CG Child Suicide in Ramanujganj: मां की साड़ी से बनाया फंदा
आदित्य ने अपनी मां की साड़ी से फंदा बनाया और फांसी पर झूल (CG child suicide) गया। जिस बच्चे ने अपनी मां की साड़ी का पल्लू को पकडक़र चलना सीखा, उसी ने उसी साड़ी से लटककर जान दे दी। इस हृदयविदारक घटना से माता-पिता का रो-रोकर बुरा हाल है।
बच्चों को कभी भी अकेले न छोड़े
कई बार अभिभावक अपने छोटे बच्चों को एक साथ खेलने कहकर अपने काम में व्यस्त हो जाते हैं। बच्चे कभी-कभी अच्छे से खेलते हैं, लेकिन कभी-कभी वे आपस में मारपीट करने लगते हैं। ऐसे समय में बच्चों को अकेला छोडऩा ठीक नहीं है।
आज के दौर में बच्चों को मोबाइल के प्रति रुझान काफी बढ़ गया है। यह लत में बदल चुका है। यह किसी नशे से कम नहीं है। यदि बच्चों से मोबाइल छीन लिया जाए तो वे उग्र हो जा रहे हैं और माता-पिता से बहस (CG Child Suicide in Ramanujganj) करना शुरू कर दे रहे हैं। ऐसे में काफी सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
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