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मौसम में बदलाव से ठंड बढ़ गई है। इसके चलते बेघरों और गरीबों को काफी दिक्कतोें का सामना करना पड़ रहा है। इसे देखते हुए सरकार ने सभी रैनबसेरों में समुचित व्यवस्था के निर्देश दिए हैं। रविवार को कलेक्टर दीपक सोनी ने जिलें के सभी रैनबसेरों का निरीक्षण किया। संबंधित अधिकारियों को जरूरी आदेश दिए। कलेक्टर ने नगरीय निकायों के सभी सीएमओ से कहा है कि अपने क्षेत्र के रैनबसेरों में लोगों के लिए समुचित इंतजाम कराएं। कंबल की उपलब्धता सुनिश्चित करने भी कहा, ताकि लोगों को ठंड से राहत मिल सके।
इसके अलावा उन्होंने शहरी क्षेत्रों में चौक-चौराहों, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, अस्पताल और बाजारों में अलाव जलाने भी कहा है। रैनबसेरों, नाइट शेल्टरों और वृद्धाश्रमों में पर्याप्त चादर, कंबल और अन्य जरूरी सामग्री के इंतजाम के निर्देश दिए हैं। जरूरत पड़ी, तो सामुदायिक भवनों का इस्तेमाल भी रैनबसेरे के रूप में किया जा सकता है।
कलेक्टर ने समाजसेवी संस्थाओं और आम नागरिकों से भी मदद की अपील की। उन्होंने कहा, स्लम एरिया और कमजोर वर्ग के लोगों के लिए कंबल, गर्म कपड़े दान करें। इसके लिए नेकी की दीवार या कलेक्शन वाहन चलाए जा सकते हैं। स्वास्थ्य विभाग को भी ठंड से होने वाली बीमारियों से बचाव के लिए सचेत किया गया है।
बदली के साथ बूंदाबांदी हुई। इस कारण जिले के हजारों किसानों की धान कटाई और मिसाई का काम रुक गया है। किसानों में चिंता बढ़ गई है क्योंकि बारिश के कारण धान भीगने का डर है। मौसम में नमी और बारिश के संभावित प्रभाव को देखते हुए कलेक्टर ने सभी धान खरीदी केंद्रों के प्रभारी को निर्देश दिए हैं। कलेक्टर ने कहा कि सभी केंद्रों में धान को बारिश से बचाने के लिए कवर कैंप लगाए जाएं। अगर बारिश से धान भीगता है, तो इसके लिए खरीदी केंद्र प्रभारी को जिम्मेदार ठहराया जाएगा। कार्रवाई भी की जाएगी। कलेक्टर ने यह भी निर्देश दिया कि किसानों के लिए अलाव जलाने की व्यवस्था की जाए, क्योंकि ठंड में वे जल्दी अपने धान बेचने पहुंचते हैं।