शिकार का भी खतरा मंडराया
अभी तक बाघ को ट्रेक कर पाने में नाकाम वन विभाग को डर है कि इस बाघ का शिकार भी हो सकता है। ऐसे में वन विभाग और पुलिस महकमें ने सतर्कता बढ़ा दिया है। हाइवे पर गाडिय़ों की तलाशी ली जा रही है।
बाघ बचाने के दावे अभी हवा-हवाई
प्रदेश में बाघ संरक्षण के दावे अभी हवा-हवाई हैं। जुलाई 2019 में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण की रिपोर्ट में प्रदेश में 19 बाघों की मौजूदगी स्वीकारी है। 2014 की रिपोर्ट में 46 बाघों का दावा था। नवम्बर में वन्य जीव बोर्ड की बैठक में मध्य प्रदेश से चार मादा और दो नर बाघ लाने का फैसला हुआ। अभी तक उसमें कुछ काम नहीं हुआ। तय हुआ था कि उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व में अकेली मादा बाघ है वहां नर नहीं है, अचानकमार से एक बाघ को उदंती भेजा जाएगा। ऐसा नहीं किया जा सका। बाघों को रेडियो कॉलर लगाने की बात हुई थी। वन विभाग मध्य प्रदेश से एक रेडियो कॉलर उधार मांगकर लाया है। अभी तक उसे किसी को लगाया नहीं गया।
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