पानी का लिया गया सैंपल
सरपंच निशा शर्मा ने बताया कि सूचना देने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने ग्राम में पहुंचकर उल्टी-दस्त पीडि़तों का इलाज शुरू किया। पीएचई ने बोर सहित तीन स्थानों से पानी का सैंपल जांच के लिए लिया है। हैंडपंप, बोर एवं कुआं में दवाई डाली गई। रिपोर्ट आने तक पानी के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
पानी उबालकर पीने की सलाह
स्वास्थ्य विभाग एवं मितानिन की टीम घर-घर जाकर साफ पानी पीने, पानी को उबालकर उपयोग में लाने की सलाह दे रहे हैं। टीम ने घरों में ओआरएस के पैकेट एवं गोली का वितरण किया गया है। ग्राम की मितानिन घनेरी ठाकुर व निर्मल कोठारी ने उलटी-दस्त पीडि़तों को कैंप तक पहुंचाने में मदद की। स्वीकृति के एक साल बाद भी काम शुरू नहीं करने पर 2.56 करोड़ रुपए के काम निरस्त करने सीजीएमएससी ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन को लिखा पत्र
कैंप से 12 मरीजों को पीएचसी रेफर किया
सोमवार को सीएमएचओ एवं बीएमओ के पहुंचने के बाद मरीजों को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पिनकापार रेफर किया गया है। रेफर किए गए मरीज में केसरबाई (60), सवानाबाई (50), अंकहलीन (55), जयंत्री (60), डामिन (42), बिसंतीनबाई (45), मंथिर (46), प्रेम प्रकाश (18), पुष्पा (35), आशा (45), लेखमणि (37) सुखराम (50) शामिल हैं। सभी का इलाज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर की देखरेख में किया जा रहा है।
दो लोगों की हालत में सुधार
मेडिकल कॉलेज राजनांदगांव रेफर किए गए राजकुमारी पति संजय ठाकुर (32) एवं उनके पुत्र सुमित पिता संजय (11) वर्ष की स्थिति में सुधार हुआ है। प्राथमिक विद्यालय के अस्थाई कैंप में स्वास्थ्य विभाग ने सोमवार को भी 70 लोगों की जांच कर दवाई दी। विधायक कुंवरसिंह निषाद ने डायरिया पीडि़तों से मुलाकात की। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।
स्थिति नियंत्रण में
बालोद सीएमएचओ डॉ. महेश सूर्यवंशी ने कहा कि ग्राम खामभाट में उल्टी दस्त की शिकायत गंदा पानी पीने से हुई है। अब स्थिति नियंत्रण में है। वहीं खंड चिकित्सा अधिकारी डौंडीलोहारा डॉ. वीके चोरका ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग का कैंप जारी है। आज कोई नया केस नहीं आया है। मौके पर पर्याप्त स्टाफ एवं दवाइयां उपलब्ध हैं।