खबर प्रकाशन के बाद पहुंचे अधिकारी, गड़बड़ी ठीक करने कहा
मंगलवार को ग्राम परसोदा के ग्रामीण भी गुणवत्ताहीन निर्माण कार्य की शिकायत को लेकर सिंचाई विभाग पहुंचे थे और जांच कराने की मांग की थी। गड़बड़ी को लेकर पत्रिका ने भी प्रमुखता से समाचार प्रकाशित किया। इसके बाद बुधवार को सिंचाई विभाग के ईई पीयूष देवांगन ने भी निरीक्षण किया। हालांकि वहां टूटे हिस्से की पहले मरम्मत करा दी गई थी। लेकिन माइनर में जगह-जगह दरार भी देखी गई। सिंचाई विभाग के कार्यपालन अभियंता ने ठेकेदार से कहा कि कोई गड़बड़ी न हो, जहां गड़बड़ी हुई है, उसे सुधारा जाए। लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
98 लाख की माइनर के निर्माण में गुणवत्ता की कमी, अभी से टूटने लगी
माइनर के सामने का हिस्सा ही धंस रहा
जब यहां काम की शुरुआत की गई तो ठेकेदार जेसीबी से खुदाई कर बिना पानी डाले ही कांक्रीट करने लगा। जिसके कारण माइनर टूटी। अब मरम्मत के बाद भी धंस रही है।
अधिकारियों के आने की देनी थी सूचना
ग्राम परसोदा के ग्रामीण धनराज साहू सहित अन्य ग्रामीणों ने कहा कि अधिकारी आज निरीक्षण में आने वाले थे तो इसकी सूचना टाइम कीपर को सुबह देनी थी, जिससे अधिकारी के पास निरीक्षण के दौरान ग्रामीण भी रहते। अचानक ग्रामीणों को सूचना दी, ऐसे में ग्रामीण अपने-अपने काम पर चले गए थे।
अब नाली की ढाल देखने केनाल में पानी डाला जाएगा
ग्रामीणों की यही मांग है कि माइनर में पानी डाला जाए और देखें कि नाली की ढाल सही है या नहीं। ग्राम पंचायत सरपंच कचरुराम ने कहा कि शुरुआत में जो गलती हुई, वह पेटी ठेकेदार के कारण हुई लेकिन अभी जो निर्माण चल रहा है, वह सही तरीके से चल रहा है। नाली की ढाल देखने सिंचाई विभाग से कहकर पानी माइनर में डलवाया जाएगा।