सेमरा (सी) में एक सप्ताह पहले मनाया जाता है दीपावली… आखिर क्यों …. जानने के लिए देखिए
हर तीज-त्यौहार एक सप्ताह पहले मनाते हैं
इस गांव में दिवाली ही नहीं बल्कि लगभग हर तीज-त्यौहार एक सप्ताह पहले मनाया जाता है। इन दिनों सेमरा (सी) पूरी तरह से दिवाली के उत्सव में डूबा है।बालोद और दल्लीराजहरा स्टेशन बनेंगे सुविधाजनक, चौड़े फुटओवर ब्रिज भी होंगे
पहले दिवाली मनेगी, फिर धनतेरस
ग्रामीण राम कुमार शांडिल्य ने बताया कि यहां दिवाली 24 अक्टूबर को मनाई जाएगी। 25 अक्टूबर को गोवर्धन पूजा होगी। धनतेरस का पर्व पूरे देश के साथ 29 अक्टूबर को मनाया जाएगा।जिले से भी सैकड़ों लोग जाते हैं दिवाली मनाने
इस गांव में दिवाली मनाने धमतरी जिले के ही नहीं बल्कि बालोद जिले से भी लोग वहां जाते हैं और पर्व का आनंद लेते हैं। बुधवार को इस गांव को पूरी तरह से झालरों से रौशन किया गया है।हितेकसा स्कूल में पालक लगाएंगे शनिवार से ताला, बच्चों को नहीं भेजेंगे
देशभर के साथ त्यौहार मनाने का किया प्रयास, हुआ अनिष्ठ
गांव के सेवकराम सिन्हा ने बताया कि यहां एक बार प्रयास किया कि एक साथ क्यों न त्यौहार मनाएं। इसके बाद देश में जिस दिन होली का पर्व था, उस दिन होली मनाया तो गांव के एक घर में अचानक आग लग गई। पूरे गांव के लोगों ने आग बुझाने का प्रयास किया, लेकिन बुझा नहीं पाए, तब गांव के लोग सिदार देव पहुंचे और पूजा की, तब आग बुझ गई। इस घटना के बाद से इदोबारा कभी प्रयास ही नहीं किया गया कि एक साथ तीज त्यौहार मनाएं। हर त्यौहार एक सप्ताह पहले मना लेते हैं।एक सप्ताह पहले दिवाली मनाने की यह है मान्यता
ग्रामीण रवि सिन्हा, मदन लाल व अन्य लोगों के मुताबिक कई साल पहले सिदार नाम के बुजुर्ग रहने आए थे। उनकी चमत्कारिक शक्तियों एवं बातों से गांव के लोगों की परेशानियां दूर होने लगी। लोगों में उनके प्रति आस्था व श्रद्धा का विश्वास उमडऩे लगा। समय गुरजने के बाद सिदार देव के मंदिर की स्थापना की गई। मान्यता है कि किसी किसान को स्वप्न दिखाकर सिदार देव ने कहा था कि प्रतिवर्ष दीपावली, होली, हरेली व पोला चार त्यौहार हिंदी पंचांग में तय तिथि से एक सप्ताह पूर्व मनाया जाए, जिससे इस गांव में उनका मान बना रहे। तब से यह परंपरा चल रही है।यह देखें :