बालोद

यहां है दुर्लभ पेड़ों का संग्रह, गरुड़ करता है सांपों से रक्षा, तो धन लक्ष्मी देता है समृद्दि

डौंडीलोहारा ब्लॉक के ग्राम संबलपुर में 27 एकड़ का आक्सी वन है, जहां दुर्लभ पौधों को तैयार किया जा रहा है। पर दुख की बात ये है कि यहां लगे 6250 पौधों की जिम्मेदारी केवल एक चौकीदार के भरोसे है।

बालोदAug 02, 2018 / 12:28 am

Niraj Upadhyay

Here is the collection of rare trees

डौंडीलोहारा. छत्तीसगढ़ शासन वन विभाग द्वारा पिछले वर्ष 2017 में 20 जुलाई को समीपस्थ ग्राम सम्बलपुर में स्थापित आक्सी वन (कैम्पा) योजना के पौधे केवल चौकीदार के भरोसे छोड़ दिया गया है। यहां दुर्लभ पेड़ों को लगाकर उसे तैयार किया जा रहा है। यहां की खासियत ये है कि यहां संग्रहित पेड़ों में गरुड़ भी है, जो जहरीले सांपों से रक्षा करता है, वहीं धन लक्ष्मी नामक पौधा भी है जो किसी के घर में हो तो घर धन-धान्य से भरा रहता है।
जिम्मेदार नहीं आए झांकने
डौंडीलोहारा ब्लॉक के ग्राम संबलपुर के पास तैयार किया जा रहा आक्सीवन के देखरेख के लिए केवल एक व्यक्ति को जिम्मेदारी दे दी गई है, जो इतने बड़े एरिया में लगे दुर्लभ पौधों की देखरेख करता है। पर दुख की ये है कि उन्हें पिछले तीन माह से वेतन भी नहीं दिया गया है। इस दौरान उन्हें जंगली सुअर, सांपों व असामाजिक तत्वों से हर पल खतरा रहता है। इसे देखने वाले जिम्मेदार एक दिन झांकने तक नहीं आते। अधिकारियों की लापरवाही व मनमानीपूर्ण कार्यप्रणाली के कारण वहां चौकीदार के पद पर पदस्थ एक मात्र चौकीदार ईश्वरी लाल नेताम के लिए परेशानी का सबब बन गया है।
नहीं दिया जा रहा नियमित वेतन
स्थिति यह है कि सरकार द्वारा पर्यावरण संरक्षण व संवर्धन के लिए चलाई जा रही यह अतिमहत्वाकांक्षी योजना विभाग व जिम्मेदारों के द्वारा सिर्फ एक चौकीदार के भरोसे छोड़ दिया गया है, उसे नियमित वेतन नहीं मिल पाने से परेशान है। रात में भी अकेले ड्यूटी पर होने के कारण आएदिन जंगली ***** व जहरीले सांपों से भी जूझना पड़ता है। उसकी सुरक्षा के भी कोई इंतजाम नहीं किया गया है।
अकेले 27 एकड़ में फैले साढ़े 6 हजार पौधों की देखरेख
मामले में आक्सी वन की सुरक्षा में पिछले एक साल से काम कर रहे ईश्वरी लाल नेताम ने जानकारी दी कि वे दिन में और रात में भी अकेले पूरे आक्सी जोन की देखरेख कर रहे हैं। पौधों से इतना लगाव है कि उनके बिना जीवित नहीं रह सकते। वे आक्सी वन में लगे पौधों को अपने परिवार की तरह देखरेख करते हैं परन्तु उन्हें पिछले 3 माह से वेतन नहीं मिल रहा है जिससे उन्हें आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि अन्य आक्सी वन में दिन व रात में अधिकतम 2-2 चौकीदारों की व्यवस्था होती है परंतु यहां ऐसा नहीं है जिसके चलते कई बार रात में जंगली जीव जंतुओं से जान का खतरा बना रहता है। इसके अलावा आस पास के क्षेत्र में शराब पीकर लोग बोतलें तोडकर चले जाते हैं। उन्होंने नियमित वेतन दिलाने व पौधों की देखरेख के लिए अन्य स्टाफ की नियुक्ति की मांग शासन से की है
यहां है कई अद्भुत व अनोखे पौधे, अधिक सुरक्षा की है जरूरत
पौधों की सुरक्षा कर रहे ईश्वर लाल नेताम ने बताया कि आक्सी वन में पौधों की ऐसी कई अदभुद प्रजातीय मौजूद है जो अन्य कहि दुर्लभ है।यहां, गूगल, गरुड़, धन लक्ष्मी, काजू, बादाम जैसे कई पौधों के अलावा आंवला, बेहरा, हर्रा, खस आदि औषधीय पौधे भी सैकड़ो की संख्या में लगाए गए है जिनकी सुरक्षा का जिम्मा अकेले उन पर है वे दिन रात समर्पित होकर व जान जोखिम में डालकर पौधों की देखरेख करते हैइसके बावजूद उन्हें नियमित वेतन नहीं मिल रहा है।
अनेक जड़ी-बूटियां भी हैं
नेताम ने बताया कि जोन में लगे गरुड़ पौधे की अपनी अलग विशेषता है। इसके लगे होने के कारण उनकी जहरीले सांपों से रक्षा होती है तथा उन्होंने जंगल से कई ऐसी जड़ीबूटियां लाई है जो सांप के काटने को बे असर कर सकती है। इसके अलावा धनलक्ष्मी का पौधा जो भी व्यक्ति अपने घर पर लगाता है वहां लक्ष्मी जी का वास होता है।

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