इसलिए की जाती है गोवर्धन पूजा
गोवर्धन पूजा के बारे में मान्यता है कि देवराज इंद्र का घमंड तोडऩे श्रीकृष्ण ने इंद्र की पूजा करने के बजाय गोवर्धन पर्वत की पूजा करने ग्रामीणों को प्रेरित किया। इंद्र को इसका पता चला तो उन्होंने पूरे गोकुल गांव को नष्ट करने व कृष्ण को अपनी शक्तियों का परिचय देने भारी बारिश करा दी। गांव में हाहाकार मच गया। तब भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अंगुली पर उठा लिया और ग्रामीणों की रक्षा की। सात दिन तक इंद्र ने कहर बरपाया, लेकिन किसी भी ग्रामीण को क्षति नहीं पहुंची। तब से भगवान श्रीकृष्ण को गोवर्धन के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन मंदिरों में लोग गोवर्धन भगवान की पूजा करते हैं।
आज से मातर उत्सव व भाई दूज
जिले में मंगलवार को गोवर्धन पूजा मनाने के बाद बुधवार से मातर उत्सव व भाई दूज का पर्व मनाएंगे। मातर उत्सव में विविध आयोजन होंगे। वहीं बहन अपने भाई की लंबी उम्र के लिए रक्षा सूत्र बांधेंगी।