इस डांस को देखने के लिये टिकट काउंटर पर लोगों की लंबी कतार लगी है । वहीं नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी के अनुसार मेले में लोग मनोरंजन के लिए ही आते है और आजकल आधुनिक सिनेमा के पर्दे को ही ले लीजिए आधुनिकता के दौर में ही ये सब हो रहा है तो कहीं से गलत नहीं है ।
नगरपालिका परिषद् बलिया के अधिशासी अधिकारी के अनुसार यह मेला महर्षि भृगु के शिष्य दर्दर मुनि के नाम पर प्रति वर्ष लगाया जाता है, जिसमें कार्तिक पूर्णिमा के स्नान के बाद लोग मेले का आनन्द लेते हैं, जहां तक धार्मिक और नर्तकियों की बात है मेले में लोग मनोरंजन के लिए आते हैं।