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बालाघाट

बाघों की गणना के लिए मास्टर ट्रेनर्स को दिया गया प्रशिक्षण

कान्हा टायगर रिजर्व में हुआ आयोजन

बालाघाटAug 31, 2021 / 10:25 pm

Bhaneshwar sakure

बाघों की गणना के लिए मास्टर ट्रेनर्स को दिया गया प्रशिक्षण

बाघों की गणना के लिए मास्टर ट्रेनर्स को दिया गया प्रशिक्षण

बालाघाट. कान्हा टायगर रिजर्व के अंतर्गत खटिया ईको सेंटर में ३०, ३१ अगस्त को दो दिवसीय अखिल भारतीय बाघ गणना-2022 के लिए मास्टर ट्रेनर्स को प्रशिक्षण दिया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन आलोक कुमार प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) द्वारा किया गया। इस दौरान अमिताभ अग्निहोत्री संचालक राज्य वन अनुसंधान संस्थान जबलपुर, आरडी महला वन वृत्त जबलपुर भी उपस्थित थे। कार्यक्रम के प्रारंभ में सुनील कुमार सिंह क्षेत्र संचालक कान्हा टायगर रिजर्व द्वारा मास्टर ट्रेनर्स को वन्यप्राणी गणना के उद्देश्यों व इनके महत्व, राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण नई दिल्ली, मुख्य वन्यप्राणी अभिरक्षक मध्यप्रदेश कार्यालयों से जारी किए गए दिशा-निर्देशों के बारे में बताया गया।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में कान्हा टायगर रिजर्व के अतिरिक्त क्षेत्रीय वनमंडल उत्तर बालाघाट, दक्षिण बालाघाट, डिंडोरी, पूर्व मंडला, पश्चिम मंडला, लामटा प्रोजेक्ट, मोहगांव प्रोजेक्ट व कुडंम प्रोजेक्ट वन विकास निगम सहित 8 ईकाइयों से चयनित 34 मास्टर ट्रेनर्स को गणना आकलन के लिए बुनियादी प्रशिक्षण, अभ्यास कराया गया हैं। प्रशिक्षित मास्टर ट्रेनर्स अपने-अपने वनमंडलों में अधिकारियों से लेकर वनरक्षक स्तर तक के कर्मचारियों को वास्तविक वन्यप्राणी गणना संपादित किए जाने के लिए प्रशिक्षित करेंगे।
प्रशिक्षण देने के लिए विशेषज्ञ दल जयंत बोरा, श्रवणा गोस्वामी भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून, डॉ. अनिरूद्ध मजूमदार राज्य वन अनुसंधान संस्थान जबलपुर, राहुल तलगावकर विश्व प्रकृति निधि भारत बालाघाट द्वारा इन मास्टर ट्रेनर्स को मांसाहारी वन्यप्राणियों के साक्ष्यों, चिन्हों और शाकाहारी वन्यप्राणियों तथा उनके आवास स्थानों से संबंधित आकडों के गुणवत्तापूर्ण संकलन करने व उपयोग में लाए े जाने वाले मोबाइल एप का अभ्यास कराया गया। इस बार मांसाहारी व शाकाहारी गणना आकलन का कार्य कागज रहित पूर्ण रूप से मोबाइल एप पर डिजिटल होगा। इस एप में एम स्ट्राइप (ईकोलाजिकल) सॉफ्टवेयर का उपयोग करते हुए वास्तविक गणना के आकड़ों को वनरक्षकों द्वारा भरा जाना हैं।यह भी उल्लेखनीय है कि वर्ष 2018 में 526 बाघों के साथ बाघ राज्य (टायगर स्टेट) का दर्जा पाने के बाद मध्यप्रदेश पुन: बाघ राज्य का अपना दबदबा जारी रखने के लिए प्रयास किया जा रहा है।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के आयोजन में रविन्द्रमणि त्रिपाठी उप संचालक (कोर), नरेश सिंह यादव उप संचालक (बफर), एसके सिन्हा, संजीव शर्मा, एस सेन्द्राम सहायक संचालकए परिक्षेत्र अधिकारी सहित अन्य मौजूद थे।

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