बालाघाट

MP News: ‘राम की नगरी’ से जानी जाती है ये जगह, जहां रेत से बना है शिवलिंग और पाताल में हैं हनुमानजी के पैर

MP News: मध्यप्रदेश के बालाघाट से 30 किलोमीटर दूर स्थित रामपयाली को भगवान राम की नगरी से जाना जाता है। जहां पर भक्त दूर-दूर से दर्शन करने आते हैं।

बालाघाटJul 14, 2024 / 04:03 pm

Himanshu Singh

MP News: मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले में स्थित रामपायली को भगवान राम की नगरी के नाम से जाना जाता है। यह धार्मिक स्थान बालाघाट से 30 किलोमीटर दूर स्थित है। यहां पर सालभर दूर-दूर से भक्त भगवान के दर्शन करने आते हैं। ऐसी मान्यता है कि प्रभु राम जब 14 साल के वनवास के लिए निकले थे। इसी बीच वनवास के कुछ साल उन्होंने मध्यप्रदेश में भी बिताया था। इसमें उन्होंने कुछ समय बालाघाट जिले की रामपायली है। जिसे राम की नगरी के नाम से भी जाना जाता है।

यहां पर पातालोक में है हनुमान जी का पैर


यहां पर हनुमान जी की प्रतिमा है जो कि लंगड़े हनुमान जी के नाम से मशहूर है। पौराणिक मान्यताओं को अनुसार पूर्व मुखी हनुमान जी की मूर्ति का एक पैर जमीन और दूसरा पैर जमीन के अंदर है। कई सालों पहले यहां हनुमान जी मूर्ति हटाकार मंदिर में स्थापित करने की कोशिश की गई थी, लेकिन पचास फीट गड्ढा खोदने के बावजूद पैर का दूसरा हिस्सा नहीं मिल पाया था। ऐसी मान्यता है कि हनुमान जी का पैर पाताल में लोक में है। यहां पर हनुमान जयंती और रामनवमी के अवसर पर भक्तों का खूब तांता लगता है।


रेत का शिवलिंग


धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यहां पर रेत का शिवलिंग स्वंयभू है। जो कि चंदन नदी के किनारे स्थित है। जहां सूरज की पहली किरण शिवलिंग पर पड़ती है। फिर भगवान राम के चरणों में जाकर गिरती है। यहां पर प्रभु श्रीराम को काले बालाजी के नाम से भी जाना जाता है।


भगवान राम की वनवासी रुप में प्रतिमा है विराजमान


प्रभु राम और माता सीता की क्रोधित रुप में वनवासी प्रतिमा विराजमान है। जो कि भगवान के वनवास के दौरान भ्रमण को दर्शाती है। यहां पर ऐसी मान्यता है कि वनवास के दौरान प्रभु राम और माता सीता ऋषि शरभंग के आश्रम पहुंचे थे। तभी वहां रामपायली से कुछ दूर स्थित देवगांव में विराध नामक राक्षस आ पहुंचा था। जिसका वध करने के बाद उन्होंने ऋषि शरभंग के दर्शन किए थे। इस दौरान माता सीता के सामने राक्षस आने से वह भयभीत हो गई थी। तभी प्रभु राम ने विकराल रुप धारण कर लिया था। इसी रुप में रामपायली मंदिर में बालाजी और माता सीता की वनवासी प्रतिमा विराजमान हैं।

संबंधित विषय:

Hindi News / Balaghat / MP News: ‘राम की नगरी’ से जानी जाती है ये जगह, जहां रेत से बना है शिवलिंग और पाताल में हैं हनुमानजी के पैर

Copyright © 2025 Patrika Group. All Rights Reserved.