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बालाघाट

वन्य जीवों के लिए खतरा न बन जाए ये लापरवाही

वन्य प्राणियों की सुरक्षा में चूंक
जंगल में क्षतिग्रस्त हुए कई बिजली पोल, कई हुए जमींदोज
विद्युत विभाग के अधिकारी, कर्मचारी नहीं दे रहे ध्यान
तीन वनग्रामों में लो वोल्टेज की भी है समस्या
सोनावानी, चिखलाबड्डी व नवेगांव वन ग्रामों का मामला

बालाघाटJul 24, 2024 / 08:21 pm

mukesh yadav

जंगल में क्षतिग्रस्त हुए कई बिजली पोल, कई हुए जमींदोज

जंगल में क्षतिग्रस्त हुए कई बिजली पोल, कई हुए जमींदोज

बालाघाट/लालबर्रा. बिजली विभाग की लापरवाही से वन्य प्रािणयों पर खतरा मंडरा रहा है। घने जंगलों के बीच निम्न स्तर के बिजली पोल गाड़ कर बेतरतीब तरीके से बिजली लाइन खींच दी गई है। अब ये बिजली पोल व लाइन वन्य प्राणियों के लिए खतरा और ग्रामीणों के लिए मुसीबतों का सबब बन रहे हैं। मामला लालबर्रा जनपद की टेकाड़ी पंचायत के अंतर्गत आने वाले वनग्राम सोनावानी, चिखलाबड्डी व नवेगांव से सामने आया है।
यहां के घने जंगलों के बीच एक दर्जन से अधिक बिजली बिजली पोल क्षतिग्रस्त हो गए हैं। बिजली लाइन झूलते हुए नीचे जमींन को टच हो रही है। कुछ स्थानों पर खंबों के उखडकऱ जमींनदोज होने के दृश्य भी नजर आते हैं। बारिश का मौसम हैं, ऐसे में बिजली करंट से वन्य प्राणियों को खतरा होने की बात से इंकार नहीं किया जा सकता है। कई स्थानों पर फाल्ट होने के कारण तीनों गांव के सैकड़ों ग्रामीण लो वोल्टेज की समस्या भी जूझ रहे हैं। सभी ने शीघ्र ही क्षतिग्रस्त बिजली लाइन व पोल का मरम्मती करण किए जाने की मांग की है।
लो वोल्टेज की बनी है समस्या
जानकारी के अनुसार दक्षिण सामान्य वन मंडल बालाघाट के वन्यप्राणी अनुभव क्षेत्र सोनेवानी के जंगल में टेकाड़ी पंचायत अंतर्गत वनग्राम सोनावानी, चिखलाबड्डी व नवेगांव बसे हंै। इन गांवों में बिजली मुहैया तो कराई गई है, लेकिन हमेशा लो वोल्टेज की समस्या बनी रहती है। ग्रामीणों को बिजली रहते हुए भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इतना ही नहीं जगल में जगह-जगह विद्युत पोल टूटकर जमीन पर गिरे हैं और केबल वायर में कट लगे हैं। जिन्हें सुधारने की सुध कोई नहीं ले रहा है7
सभी तरह के है वन्य प्राणी
वन विभाग के अनुसार इस जंगल में बाघ, तेंदुए, बायसन, भालू, नीलगाय, सांभर, चीतल सहित अन्य वन्यप्राणी बहुतायत में है। ऐसे में वन्य प्राणियों के लिए विचरण के दौरान यह सब हादसे का कारण बन सकता है। बावजूद इसके जिम्मेदार उदासीन रवैया अपनाए हुए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि जंगलों में वरिष्ठ अधिकारी नहीं पहुंचते हैं। इसका पूरा फायदा जमींनी स्तर के कर्मचारी उठाते हैं। करंट से यदि कोई वन्य जीव मर भी जाता है तो कौन देखने वाला है। कारण यहीं है कि इतने गंभीर मामले में भी सभी लापरवाही बने हुए हैं, जो की इसी तरह के हादसों की राहत ताक रहे हैं।
कई दिनों तक गुल रहती है बिजली
चिखलाबड्डी के ग्रामीणों ने बताया कि गांव में विद्युत विभाग ने लाइन तो पहुंचा दी है, लेकिन माह में कई बार बिजली गुल रहती है। उन्हें सही तरह से बिजली व्यवस्था का लाभ नहीं मिल रहा है। लो वोल्टेज की समस्या हमेशा बनी रहती है। टीवी, पंखे यहां तक की बल्ब भी सही से नहीं जलता है ऐसे में बिजली पहुंचाने के प्रयास यहां बेइमानी प्रतीत होते हैं।
इनका कहना है।
जंगल में जहां पर विद्युत पोल टूटकर जमीन पर गिरे है और केबल तार झूल रही है। हमारे द्वारा इसकी जानकारी विद्युत विभाग में दी जा चुकी है। विभाग के कर्मचारियों द्वारा जल्द ही सुधार कार्य करवाने की बात कही है।
हर्षित सक्सेना, रेंजर दक्षिण सामान्य लालबर्रा
जंगल वाला क्षेत्र होने के कारण 11 हजार केवी लाइन नहीं गई है। इस कारण लो वोल्टेज की समस्या बनी रहती है। विद्युत पोल टूटकर गिरने की बात सही है। जिसे विभाग द्वारा शीघ्र सुधार कार्य करवा लिया जाएगा।
सरफराज कुरैशी, जेई लालबर्रा

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