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बालाघाट

तो बंद हो जाएगी जिले की 40 दुग्ध उत्पादन समितियां

सांची दुग्ध संघ पर समितियों का 09 करोड़ का भुगतान बकाया

बालाघाटAug 10, 2024 / 04:04 pm

mukesh yadav

सांची दुग्ध संघ पर समितियों का 09 करोड़ का भुगतान बकाया

सांची दुग्ध संघ पर समितियों का 09 करोड़ का भुगतान बकाया

बालाघाट. जिले में दुग्ध उत्पादन और संकलन को लेकर कार्य कर रही समितियों पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। समय पर भुगतान नहीं मिलने से जिलेभर की करीब 125 समितियों में 40 बंद होने की कगार पर है। समिति से जुड़े किसानों की माने तो उनकी समितियों का सांची दुग्ध संघ जबलपुर पर 145 दिनों का करीब 09 करोड़ का भुगतान बकाया है। भुगतान के अभाव में समितियां सही से कार्य नहीं कर पा रही है। कुछ समितियां बंद होने के कगार पर पहुंच गई है। अब समितियों से जुड़े किसान आंदोलन की रणनीति तैयार कर रहे हैं।
जानकारी के अनुसार कृषि प्रधान बालाघाट जिले में दूध उत्पादक किसानों की मदद कर, उनकी आय को बढ़ाने शासन ने सहकारी दुग्ध समिति का निर्माण करवाया है। जिले भर की 125 दुग्ध समिति किसानों से दूध लेकर उस दूध को सहकारी दुग्ध संघ बालाघाट के माध्यम से सहकारी दुग्ध संघ जबलपुर को बेचती है। जबलपुर दुग्ध संघ से दूध के पैकेट बनाकर दूध पूरे जबलपुर संभाग में वितरित किया जाता है। लेकिन समितियोंं को दूध का भुगतान समय पर नहीं मिल पा रहा है। वे किसानों को भुगतान नहीं कर पा रहे हैं। वहीं किसान भी अब समितियों को दूध न देकर निजी डेयरी में नकद में दूध विक्रय कर रहे हैं। इसका विपरीत असर समितियों और संघ को पड़ रहा है। जिन्हें राजस्व नुकसानी वहन करनी पड़ रही है।
9 करोड़ का अटका भुगतान
बताया गया कि सहकारी दुग्ध संघ जबलपुर पर 145 दिनों का करीब 9 करोड़ रुपए का भुगतान बकाया है। महिला दुग्ध सहकारी समिति संघ एकोड़ी ने बकाया भुगतान को लेकर जिला दुग्ध शीत केंद्र बालाघाट को लिखित आवेदन कर यथाशीघ्र बकाया भुगतान किए जाने की मांग की है। वहीं प्रत्येक 10 दिन के भीतर दूध का भुगतान करने, भैंस और गाय का दूध प्रति फेट प्रति लीटर बढ़ाने, दूध समिति के सचिवों को पंचायत के रोजगार सहायक के बराबर मानदेय देने, दूध उत्पादन किसानों को बोनस के रूप में प्रोत्साहन राशि देने और दुधारू पशुओं का निशुल्क बीमा किए जाने की मांग भी की है।
समितियों से जुड़े 03 हजार किसान
पूरे मामले पर महिला दुग्ध उत्पादन समिति एकोड़ी के सचिव कमलेश परिहार के अनुसार जिले में करीब 125 दूध उत्पादक समितियां है। इनमें करीब 3000 किसान इस व्यवसाय से जुड़े हुए हैं। बावजूद इसके अब तक 8 से 9 करोड़ रुपए का भुगतान नहीं किया गया है। नियम के अनुसार यह भुगतान प्रत्येक 10 दिन में हो जाना चाहिए। लेकिन पिछले दो वर्षों से भुगतान हमेशा लेट लतीफ ी हो रही है।
बंद होने की कगार पर समितियां
कमलेश ने बताया कि हमें 145 दिन का भुगतान जबलपुर दुग्ध संघ से नहीं किया गया है। समय पर भुगतान न मिलने से पशुपालक किसान पशुओं के लिए चारा नही खरीद पा रहे हैं। लगातार दूध उत्पादन घट रहा है। करीब 40 समिति बंद होने की कगार पर है। दूध उत्पादक किसान, समिति व कर्मचारियों के सामने रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया है। इसीलिए हम हड़ताल पर जा रहे हैं। हमारी मांग है कि 12 अगस्त के पहले 31 जुलाई तक के दूध का भुगतान हमें किया जाए।
वर्सन
हमने तय किया है कि यदि चार दिनों के भीतर दूध का भुगतान नहीं किया जाता तो जिले की समस्त समिति दूध संकलन का कार्य बंद कर देगी। वही 13 अगस्त से समस्त समिति व दूध उत्पादक किसानों द्वारा अनिश्चित कालीन हड़ताल शुरू की जाएगी।
कमलेश परिहार, सचिव दुग्ध उत्पादन समिति
भुगतान प्रक्रिया जबलपुर स्तर से ही होती है। हमने अपनी तरफ से कलेक्टर व सीईओ को पत्र लिखा है। जहां तक राशि की बात है जिले की 125 समितियों का करीब दो करोड़ का बकाया है। समिति पदाधिकारी सिवनी व छिंदवाड़ा का जोडकऱ 09 करोड़ रुपए बता रहे होंगे।
माधुरी सोनेकर, क्षेत्रीय प्रबंधक दु.म.स बालाघाट

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