जानकारी के अनुसार कान्हा नेशनल पार्क बाघों के दीदार के लिए देश विदेश में प्रसिद्ध है। यहां सैरसपाटे के लिए देश-विदेश के सैलानी आया करते हैं। पार्क में प्रवेश के लिए मुख्यत तीन गेट बने हुए हैं। इनमें सरही, खटिया मंडला जिले में व बालाघाट जिले में मुक्की गेट स्थित है। पहले दिन मुक्की गेट से 27 जिप्सी से 135 से अधिक पर्यटकों ने कान्हा के जंगलों एवं वन्य प्राणियों का दीदार किया। वहीं पूरे कान्हा के जोन से कुल 80 जिप्सियों के माध्यम से करीब 380 से अधिक पर्यटकों ने सफारी की।
कान्हा प्रबंधन के अनुसार कान्हा जंगल में जूनियर बजरंग ने पर्यटकों को वन्य प्राणियों के दीदार करवाए। इन स्थलों पर बाघ की आवाज एवं पंजों के निशान देख पर्यटक रोमांचित भी नजर आए। मुक्की गेट पर वन अधिकारियों जिप्सी ड्राइवर, गाइड एवं पर्यटकों की उपस्थिति में नारियल फोड़ कर पूजा अर्चना की। इसके बाद सफारी प्रारंभ की गई।
बताया गया कि पहले दिन उद्यान प्रबंधन एवं जिला पुरातत्व, पर्यटन एवं संस्कृति परिषद के सदस्यों ने पर्यटकों का स्वागत सत्कार किया। मुक्की वन परिक्षेत्र, डीएटीसीसी बालाघाट, गाइड एवं जिप्सी ड्राइवर संगठन ने गेट के आसपास स्वच्छता ही सेवा अंतर्गत स्वच्छता अभियान भी चलाया। कान्हा के अंतर्गत सभी होटल रिसोर्ट भी पर्यटकों के स्वागत के लिए पूरी तरह तैयार रहे।
डीएटीसीसी पदाधिकारियों ने बताया कि प्रतिवर्ष विश्व प्रसिद्ध कान्हा नेशनल पार्क 1 अक्टूबर से पर्यटकों के लिए प्रारंभ होता है। यह पार्क 30 जून को मानसून काल बंद हो जाता हंै।
फैक्ट फाइल-
गेट के नाम जोन
कान्हा किसली मुक्की सरही योग सदस्य संख्या
खटिया 29 07 06 09 51 239
मुक्की 03 03 21 — 27 135
सरही — — — 02 02 05
योग- 32 10 27 11 80 379