इस अवसर पर कलेक्टर डॉ. मिश्रा ने कहा कि जिंदगी को दिशा देना ही हमारा पहला काम है। प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता पाने के लिए खुद से लडऩा पड़ता है। जैसे हमें कहीं जाने के लिए संसाधन व रास्ते का पता होना चाहिए, उसी तरह अपने लक्ष्य को पाने के लिए सिलेबस और परीक्षा का चयन करना अति आवश्यक है। अगर हम जीवन में संघर्ष नहीं करेंगे तो हमें कुछ हासिल नहीं होगा। उन्होंने कहा कि जिंदगी में कुछ पाना है तो मिशन की तरह लेना होगा। अगर कभी किसी परीक्षा में कोई असफल भी हो जाते हैं तो हमें निराशा छोडकऱ गलतियों को परखने की कोशिश करना चाहिए। गलतियों में कमियां ढूंढने की स्ट्रेटजी आनी चाहिए। कलेक्टर ने विद्यार्थियों से यह भी कहा कि हमने भविष्य के बारे में नहीं सोचा तो अपराध कर रहे हैं। जीवन में लक्ष्य होना ही चाहिए। सफलता को मिशन बनाने के बाद गोल प्राप्त करते है तो हम और हमसे जुड़े सभी लोग भी सीखते हैं। असफलता के बाद विचारों में सकारात्मकता लाना जरुरी है।
कार्यक्रम में अपर कलेक्टर जीएस धुर्वे, बैहर एसडीएम विवेक केवी, बालाघाट एसडीएम गोपाल सोनी, किरनापुर एसडीएम राहुल नायक, महाविद्यालय की प्राचार्य निधि ठाकुर सहित अन्य मौजूद थे।