विवेक के बड़े भाई अनूप ने फावड़े से गला रेत कर उसकी बड़ी बेहरहमी से हत्या कर दी थी। वहीं, इस हत्याकांड में अनूप का चाचा और तांत्रिक चिंताराम का भी हाथ था। हत्या के बाद अनूप, तांत्रिक के बताए अनुसार पड़ोस के मंदिर में पूजा करने चला गया। तांत्रिक चिंताराम ने अनूप को नरबलि देने के लिए प्रेरित किया था।
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अनूप का ढाई साल का बेटा है जो बीमारी से ठीक नहीं हो पा रहा है। इस वजह से अनूप ने नरबलि देने की ठानी। इसकी सलाह अनूप को तांत्रिक चिंताराम ने दी थी। दोनों ने मिलकर गुरुवार को विवेक की हत्या कर दी। पुलिस ने जब अनूप से कड़ाई से पूछताछ की तो उसे सबकुछ कबूल कर लिया। पुलिस ने हत्या में शामिल चाचा-भतीजे व तांत्रिक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।परसा गांव में श्रीकिशुन, रामकिशुन, सदानंद वा चिंताराम चारो भाई एक ही घर में एक साथ रहते हैं। घर में मृतक विवेक और हत्या आरोपी अनूप के कमरे का दरवाजा भी ठीक आमने सामने है, लेकिन घटना के खुलासे के बाद आज इस परिवार में कोई भी एक दूसरे से नजर मिलाने की हिम्मत नहीं कर रहा।
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मां-बाप ने की फांसी की मांगपूरे परिवार में सन्नाटा छाया हुआ है। अगर सुनाई भी दे रही है तो श्रीकिशन की पत्नी किरण की अपने मृतक बेटे को याद कर रोने की आवाज। अनूप के पिता ने रोते हुए कह दिया कि उनके बेटे को फांसी मिलनी चाहिए। अनूप के पिता ने कहा, “उनका बेटा जब भी छूटकर आएगा तो कहीं फिर से घर के किसी बच्चे और खुद उसको ही न मार डाले। इसलिए उसे फांसी दे दी जाए।” वहीं, अनूप की मां शिवकुमारी और उसकी पत्नी पूनम ने भी अनूप को फांसी दिए जाने की मांग की है।