Bahraich Violence: बहराइच हिंसा के आरोपी अब्दुल हमीद के घर पर क्या चलेगा बुलडोजर, पीडब्ल्यूडी ने चस्पा किया नोटिस
Bahraich Violence: बहराइच जिले के महाराजगंज बाजार में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान सांप्रदायिक हिंसा के आरोपियों के मकान पर बुलडोजर की कार्रवाई हो सकती है। पीडब्ल्यूडी ने रामगोपाल के हत्यारोपी अब्दुल हमीद समेत करीब 23 मकान पर नोटिस चस्पा कर दिया है। नोटिस का जवाब न मिलने पर बुलडोजर की कार्रवाई हो सकती है।
Bahraich Violence: बहराइच जिले के महाराजगंज बाजार में लोक निर्माण विभाग की तरफ से अवैध निर्माण वाले मकान और दुकानों पर नोटिस चस्पा किया गया है। इसमें रामगोपाल हत्याकांड के मुख्य आरोपी अब्दुल हमीद का भी घर शामिल है। तीन दिनों के भीतर नोटिस का जवाब मांगा गया है। जवाब न देने पर अवैध निर्माण पर बुलडोजर की कार्रवाई हो सकती है।
Bahraich Violence: बहराइच जिले के हिंसा प्रभावित क्षेत्र महाराजगंज बाजार में लोक निर्माण विभाग (PWD) ने रामगोपाल हत्याकांड के आरोपी अब्दुल हमीद समेत बाजार के करीब 23 मकान और दुकानों पर नोटिस चस्पा किया गया है। PWD ने दुकान और मकान मालिकों से जवाब मांगा है। विभाग ने कहा है कि क्या निर्माण से पहले डीएम से अनुमति नही ली गई है। तो कार्रवाई होगी। यदि किसी ने निर्माण से पहले अनुमति ली है। तो उसकी कॉपी मांगी गई हैं। बहराइच में लोक निर्माण विभाग की खंड इकाई ने रामगोपाल हत्याकांड के आरोपी अब्दुल हमीद के मकान पर नोटिस चस्पा किया है। उसमें कुण्डासर महसी नानपारा प्रमुख जिला मार्ग के किमी 38 में महराजगंज के किनारे बने मकान को अवैध निर्माण का जिक्र किया गया है। विभाग ने कहा है कि कुण्डासर महसी नानपारा मार्ग प्रमुख जिला मार्ग की श्रेणी में आता है। विभागीय मानक के अनुसार प्रमुख जिला मार्ग पर रूरल एरिया में मार्ग के मध्य बिन्दु से 60 फूट की दूरी के अंदर बिना विभागीय अनुमति के कोई भी निर्माण कराया जाना अवैध निर्माण की श्रेणी में आता है। एसडीएम महसी अखिलेश सिंह ने बताया कि सभी को भेजे गए नोटिस का जवाब न मिलने पर बुलडोजर की कार्यवाई की सकती है।
लोक निर्माण विभाग की नोटिस
लोक निर्माण विभाग ने कहां है कि आपको नोटिस के माध्यम से सूचित किया जाता है, कि यदि आपने यह निर्माण डीएम बहराइच अथवा पूर्व विभागीय अनुमति से किया है। तो उसकी मूल प्रति तत्काल विभाग को उपलब्ध करा दें। तथा उक्त अवैध निर्माण को तीन दिन के भीतर स्वयं हटा लें। अन्यथा की दशा में पुलिस और प्रशासन के सहयोग से अवैध अतिक्रमण हटाया जाएगा। अतिक्रमण हटाने में जो खर्च आएगा उसे राजस्व विभाग के माध्यम से आपसे वसूला जाएगा।