बैठक का आयोजन कर युवाओं ने एक लाख 21 हजार रुपए की राशि एकत्रित कर ली है। जरूरत पडऩे पर और भी राशि खर्च की जाएगी। पूर्व विद्यार्थियों ने शनिवार को विद्यालय में कमरों की कमी को देखकर एक कमरा व बरामदा निर्माण की वैदिक मंत्रोच्चार के साथ नींव रखी और श्रमदान भी किया।
इन पूर्व विद्यार्थियों में से 35 सरकारी सेवा में कार्यरत हैं व कुछ विद्यार्थी विदेश में निजी कंपनियों में कार्यरत हैं। इन युवाओं ने बताया कि विद्यालय का भवन पुराना और जर्जर हो चुका है। बारिश के दिनों में छत से पानी टपकता है। जर्जर भवन में कभी भी हादसा हो सकता है। इसलिए इसकी मरम्मत जरूरी है और नए कक्षाकक्षों की दरकार है।
भविष्य में भी कुर्सी-टेबल, दरी पट्टी, पुस्तकें, खेल सामग्री सहित अन्य भौतिक सुविधाओं को भी विकसित किया जाएग। इन युवाओं का कहना है कि राष्ट्र निर्माण में सभी की भागीदारी होनी चाहिए। आमजन को सरकारी संपत्ती को अपना समझना चाहिए। प्रशासन के भरोसे नहीं रहकर स्वयं के स्तर पर भी सामाजिक कार्यों में भागीदारी निभानी चाहिए। जिससे आने वाली पीढ़ी को सौगात मिल सके। इस विद्यालय में वर्तमान में 71 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं।