आखिर नकली पर क्यों गंभीरता नहीं दिखाता प्रशासन
जिले में नकली दवाओं के कई मामले सामने आते रहते है। कई बार तो दवा कंपनियां खुद ही नकली दवाओं को पकड़ चुकी हैं। इसके बाद नकली का कारोबार जोरों पर है। वहीं नकली दवाओं की किसान कृषि विभाग और प्रशासन से भी शिकायतें कर चुके हैं, लेकिन नुकसान का मुआवजा दिलाना तो दूर की बात दुकानदारों पर कार्रवाई तक नहीं होती है। इससे लोगों का सवाल है कि आखिर ऐसा क्या कारण है जो प्रशासन जिले में नकली दवाओं के कारोबार पर गंभीरता नहीं दिखा रहा है।
ये भी खास
-किसानों का कहना है कि दुकानदार कई बार अलग-अलग तरह की घास के लिए दो-तीन तरह की दवा दे देते हैं, लेकिन असर न होने पर कह देते हैं दोनों दवाएं एक साथ नहीं मिलाना थीं।
-किसानों का हजारों रुपए दवाओं व छिडक़ाव पर खर्च हो जाने के बाद भी असर न होने से उन्हें दोबारा फिर से हजारों रुपए खर्च करना पड़ते हैं।
धड़ल्ले से बिक रही नकली दवाइयां
बड़वानी जिले में खरपतवार नाशक कीटनाशक दवाइयों की कौन-कौन सी कंपनी को कृषि विभाग द्वारा बाजार में बेचने की परमिशन है। आज तक किसानों को पता नहीं और धड़ल्ले से नकली भी नकली दवाइयां बाजार में बिक रही है। कृषि विभाग कुंभकरण की नींद में सोया हुआ है। आज तक कितने सैंपल लिए दुकानों से और कितने अमानक पाएंगे। इसकी कोई जानकारी किसानों को नहीं है।
-श्याम कछावा किसान
पैसा व समय की हो रही बर्बादी
जिले में जो कंपनियां दवाइयां बेच रही है। ना तो इनके सैंपल लिए है और ना ही कोई जांच की जा रही है। किसानों को इन दवाइयों से कोई लाभ नहीं मिल रहा है। जिले में नकली खाद व दवाइयां धड़ल्ले से बिक रहा है। सरकार द्वारा इस पर कोई पाबंदी नहीं लगाई जा रही है। जिससे किसानों का पैसा व समय दोनों बर्बाद हो रहा है।
-कमल सिंह तोमर किसान
किसान करें शिकायत
अभी तक खेती की दवाओं आदि के करीब 10 सैंपल लिए जा चुके हैं। जिसमें कीटनाशक व खरपतवार नाशक दवाएं भी शामिल हैं। यदि कहीं गड़बड़ी है, तो किसान शिकायत करें, हम उस दवा को जांच के लिए भिजवाएंगे।
-रामलाल जमरे, उपसंचालक कृषि बड़वानी