सरकारी स्कूल में दाक्षायनी ने की है पढ़ाई
मऊ जिले के दोहरीघाट निवासी दाक्षायनी पांडेय के पिता दिग्विजय नाथ पांडेय किसान हैं। परिवार की आर्थिक स्थित बहुत अच्छी नहीं थी। इसलिए उन्होंने बेटी दाक्षायनी सरकारी स्कूल में पढ़ाया। दाक्षायनी की प्राथमिक शिक्षा दोहरीघाट के प्राथमिक विद्यालय से हुई। यहां पांचवी पास करने के बाद आर्थिक समस्या को देखते हुए पिता ने मेधावी विद्यार्थियों को आवासीय शिक्षा उपलब्ध कराने वाले विद्या ज्ञान स्कूल सीतापुर में एडमीशन के लिए परीक्षा दिलाई। दाक्षायनी ने प्रवेश परीक्षा पास कर ली। अब वे वहीं से इंटरमीडिएट कर रही है।
हमेशा नंबर एक रही दाक्षायनी, आईआईटी दिल्ली में टॉप पर था मॉडल
पिता दिग्विजय नाथ पांडेय बताते हैं कि दाक्षायनी हमेशा से नंबर एक पर रही हैं। दाक्षायनी ने पहली बार अपना मॉडल आईआईटी दिल्ली में आयोजित इंडिया एट 75 नेशनल आइडिया -2021 में प्रस्तुत किया था। यहां मॉडल प्रथम स्थान पर रहा था। यहां तक की इवोल्ट नाम की एक ऑटो कंपनी ने दाक्षायनी को अपना ब्रांड अंबेसडर नियुक्त करने की पेशकश भी की थी।
12 की परीक्षा के बाद कैलीफोर्निया जाएगी दाक्षायनी
दाक्षायनी 12वीं की परीक्षा देने के बाद कैलिफोर्निया के लिए रवाना होगी। दाक्षायनी चाहती है कि यह किफायती कार रक्षा प्रणाली सभी कारों में लगे। ताकि फिर किसी मासूम की इस तरह दम घुटने से मौत न हो। फिलहाल वह एक प्रोजेक्ट ‘जेनीसाइंस’ पर काम कर रही हैं। यह बाक्स में एक प्रयोगशाला है, जो वास्तविक प्रयोगशाला में गए बिना ही छात्र को विज्ञान सिखाने में सहायक होगा।
कार सुरक्षा प्रणाली की क्या है खासियत
दाक्षायनी के मुताबिक वह 11वीं में पढ़ रही थी। उसी समय उसने अपने शिक्षकों के मार्गदर्शन में मिशन प्रोटेक्टर नाम से ऐसी कार सुरक्षा प्रणाली पर काम शुरू किया जो एमक्यू-135 सेंसर पर आधारित है। यह सेंसर कार्बन डाईआक्साइड के प्रति अत्यधिक संवेदनशील है।
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उसका सुरक्षा मॉडल एक माइक्रोकंट्रोलर और एक सर्वाे मोटर से जुड़ा है। कार में जैसे ही कार्बन डाईआक्साइड का स्तर बढ़ता है। सेंसर सर्वाे मोटर को अलर्ट संदेश भेजता है। सर्वाे मोटर तेजी से घूमने लगता है और कार की खिड़कियां स्वयं खुल जाती हैं। इससे दम घुटने से मौत की आशंका खत्म हो जाती है। दाक्षायनी ने आटोमोटिव सुरक्षा प्रणाली के पेटेंट के लिए आवेदन कर दिया है।