बता दें कि प्रसपा के सामने इस चुनाव में करो या मरों की स्थिति होने वाली है। सपा से अलग होने के बाद शिवपाल यादव ने प्रसपा का गठन तो किया लेकिन उन्हें अब तक चुनाव में आपेक्षित सफलता नहीं मिली है। प्रसपा वर्ष 2022 के चुनाव में सपा से गठबंधन अथवा अपनी शर्तों पर विलय की भी इच्छुक थी लेकिन सपा ने रुचि नहीं दिखाई। इसके बाद चाचा भतीजे ने एक ही दिन रथ यात्रा शुरू की है।
शिवपाल यादव ने अपने लिए विकल्प खुला रखा है। वे भागीदारी संकल्प मोर्चा के संयोजक ओम प्रकाश राजभर व ओवैसी के संपर्क में भी हैं। तीनों नेताओं की कई बार मुलाकात हो चुकी है लेकिन भागीदारी संकल्प मोर्चा को लेकर भी संसय बरकरार है। कारण कि ओम प्रकाश राजभर कुछ शर्तों के साथ बीजेपी से दुबारा हाथ मिलाने के लिए तैयार हो गए है। अगर ऐसा होता है तो मोर्चा के अस्तित्व पर ही सवाल खड़ा हो जाएगा। कारण कि फिर सिर्फ इस मोर्चे में सिर्फ ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ही बचेगी।
ऐसे में शिवपाल यादव को एकला चलो की राह पर चलना पड़ सकता है। ऐसी स्थिति में पूर्वांचल में सीट जीतना आसान काम नहीं होगा। यही वजह है कि अब पार्टी का फोकस पूरी तरह इस क्षेत्र पर है। खासतौर पर आजमगढ़ पर जहां शिवपाल के बड़ी संख्या में समर्थक हैं बल्कि कम से कम मुबारकपुर सीट पर पार्टी बढ़िया प्रदर्शन कर चुकी है।
प्रसपा की सामाजिक परिवर्तन रथ यात्रा 13 नवंबर को आजमगढ़ पहुंच रही है। यह 14 नवंबर को भी यहीं रहेगी। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव एवं आदित्य सिंह यादव सामाजिक परिवर्तन रथ से आजमगढ़ पहुंचेगे। प्रसपा राष्ट्रीय अध्यक्ष के आगमन को बड़ी रैली के रुप में तब्दील कर ताकत दिखाने के मूड में है। इसके लिए पार्टी की आज स्वर्गीय राम सुमेर इंटर कॉलेज सठियांव में बैठक हो रही है जिसमें फ्रंटल संगठनों के पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं के साथ ही प्रदेश महासचिव एवं मंडल प्रभारी रामदर्शन यादव, प्रदेश सचिव देवनाथ यादव, लालचंद यादव बाबूजी, प्रदेश सचिव बालचद चौहान, प्रदेश सचिव पिछड़ा बृजेश यादव आदि भाग ले रहे हैं। राम दर्शन यादव का कहना है कि पार्टी 2022 का चुनाव पूरी ताकत से लड़ेगी और बड़ी जीत हासिल करेगी।