बता दें कि मुबारकपुर सीट सपा के लिए पिछले दो दशक से अबुझ पहेली बनी हुई है। मुस्लिम बाहुल्य इस सीट पर पिछले चार चुनाव से सपा का खाता नहीं खुला है। वर्ष 2012 में जब सपा ने जिले की दस में से नौ सीटों पर जीत हासिल की थी उस समय भी सपा को यहां हार मिली थी। मायावती के करीबी नेता शाहआलम उर्फ गुड्डू जमाली ने सीट जीतकर सपा को क्लीन स्वीप से रोक दिया था। वर्ष 2017 में गुड्डू जमाली यहां से दोबारा बसपा के विधायक चुने गए थे। इसके पूर्व दो बार लगातार चंद्रदेव राम यादव करैली यहां से बसपा के विधायक चुने गए थे। मायावती ने पिछले दिनों जमाली को विधान मंडल का नेता बनाया था लेकिन एक महीना पहले गुड्डू जमाली ने बसपा छोड़ दिया था लेकिन वे किसी पार्टी में शामिल नहीं हुए है।
वहीं चंद्रदेव राम यादव सपा में शामिल हो चुके हैं। इस सीट से सपा से चंद्रदेव राम यादव, अखिलेश यादव सहित चार लोग टिकट की दावेदारी कर रहे हैं तो यह सीट प्रसपा रामदर्शन के लिए अपने खाते में चाहती है। बसपा से यहां मुस्लिम प्रत्याशी का लड़ना लगभग तय हैं। ऐसे में सपा यहां मजबूत दावेदार की तलाश में हैं। पार्टी सूत्रो की माने तो यहां अखिलेश यादव गुड्डू जमाली पर दाव लगाने का मन बना चुके हैं। गुड्डू जमाली की कई बार सपा मुखिया से मुलाकात भी हो चुकी है। यही नहीं वे क्षेत्र में सक्रिय भी हो गए है। ऐसे में उनका चुनाव लड़ना लगभग तय हो गया है। अगर गुड्डू सपा के टिकट पर मैदान में उतरते हैं तो निश्चित तौर पर बसपा की मुश्किल बढ़ेगी। वहीं सपा से टिकट लड़ने की तैयारी कर रहे नेताओं के मंसूबे पर पानी भी फिरना तय है।