सामाजिक संगठन भारत रक्षा दल की शिकायत पर दिसंबर 2018 में एनजीटी की टीम आई थी। क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण कार्यालय के प्रभारी घनश्याम प्रजापति और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वैज्ञानिक एके त्रिपाठी की संयुक्त टीम ने दो दिन तक शहर में तमसा नदी के प्रवेश स्थल राजघाट और शहर से निकलने वाले स्थान बद्दोपुर अइनिया तक नौ स्थानों से पानी के नमूने लिए थे। टीम ने इस बात को माना था कि तमसा नदी का पानी प्रदूषित है। टीम ने बताया कि था कि पानी के नमूने का प्रयोगशाला में परीक्षण कर रिपोर्ट एनजीटी चेयरमैन को सौंप दी जाएगी। काफी समय बीत जाने के बाद एक बार पुनः भारत रक्षा दल के प्रदेश उपाध्यक्ष हरिकेश विक्रम श्रीवास्तव ने पत्र लिखकर जानकारी ली कि आखिर पानी के नमूने की जांच में क्या हुआ। श्रीवास्तव ने बताया कि ऐसा माना जा रहा है कि पानी के नमूने में प्रदूषण की मात्रा पाई गई है।इसलिए टीम दोबारा आ रही है। उस समय जांच में टीम के अधिकारियों ने नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी को भी नदी में कूड़ा फेंके जाने पर फटकार लगाई थी। कार्रवाई की चेतावनी देते हुए निर्देशित किया था कि डंपिग ग्राउंड पर ही कूड़ा निस्तारित किया जाए।