हर साल की तरह इस साल भी नवंबर के महीने में साइबेरियन पक्षियों का आगमन ताल सलोना के इर्द-गिर्द शुरू हो चुका है। लेकिन इन विदेशी पक्षियों के आते ही क्षेत्र में स्थित शिकारी भी सक्रिय हो जाते हैं। जो पक्षियों का शिकार करने के लिए ताल व उसके आसपास की जगहों पर जाल बिछाने लगते हैं। साइबेरियन पक्षियों का शिकार पूर्ण रूप से प्रतिबंधित होने के बावजूद यहां पर इन पक्षियों का शिकार करने के लिए शिकारी पूरी तरह से सक्रिय हो चुके हैं। पक्षी को पड़कर हजार 1200 में बेच देते हैं। आजमगढ़ के आसपास क्षेत्र में मछली पालन आदि का व्यापार करने वाले कुछ लोग साइबेरियन पक्षियों के शिकार करने में लगे हुए हैं। मार्केट में साइबेरियन पक्षियों के अच्छे दाम मिलने के कारण यह शिकारी इन पक्षियों को पड़कर उनके पंख को तोड़ देते हैं और अच्छे कीमत पर बेच देते हैं।
एसपी ग्रामीण चिराग जैन ने बताया कि साइबेरियन पक्षियों को पकड़ने के लिए शिकारी गनशॉट, लाइसेंसी असलहे जाल एवं चिड़िया की ध्वनि का इस्तेमाल किया जाता है। जिसके कारण यह पश्चियन आसानी से शिकारी के जाल में फंस जाती है। उन्होंने बताया कि जीयनपुर पुलिस के द्वारा कार्यवाही करते हुए साइबेरियन पक्षियों का शिकार करने वाले एक शिकारी को छापेमारी को दौरान पकड़ा गया। एसपी ग्रामीण चिराग जैन ने बताया कि गिरफ्तार शिकारी के पास से 5 विदेशी पक्षी सहित शिकार के कई अन्य सामान भी बरामद हुए। विदेशी पक्षियों के शिकार पर रोक लगाने के लिए पुलिस आसपास के गांव के लोगों के लाइसेंसी असलहों को भी सीज करने की तैयारी कर रही है। लाइसेंसी असला से शिकार का मामला सामने आने पर संबंधित व्यक्ति पर कार्यवाही करते हुए लाइसेंसी असलहे को भी सीज किया जाएगा।