जिला महिला अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक डा. विनय कुमार सिंह यादव का कहना है कि कोविड की पहली और दूसरी लहर के दौरान कोविड टीका का कवच सभी के पास नहीं था। फिर भी हम सावधानी बरतकर इससे होने वाली जनहानि को कम करने में सफल हुए थे। अब तीसरी वेब शुरू हो चुकी है। टीकाकरण भी चल रहा है। टीका लगवाने के बाद हमें यह नहीं मानना है कि हम पूरी तरह सुरक्षित हो गए। अथवा यह वायरस हमपर हमला नहीं करेंगे। बल्कि हमें और सावधान रहने की जरूरत है।
उन्होंने बताया कि कोविड का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। ओमिक्रोन संक्रमित हो रहे मरीज में संक्रमण गले में ही रुक जा रहा है। पूर्व की लहर की तरह ओमिक्रोन संक्रमितों में फेफड़ों के टिश्यू को नुकसान नहीं पहुंच रहा है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम लापरवाह हो जाएं। घर की कमजोर कड़ी यानी बुजुर्ग या पहले से गंभीर बीमारी से ग्रसित व्यक्ति के लिए यह घातक साबित हो सकता है। ऐसे में पूरी तरह से सावधानी बरतें।
ओमिक्रोन संक्रमण के लक्षण
ओमिक्रोन के संक्रमण का प्रारंभिक लक्षणों की बात करें तो सर्दी, जुकाम के साथ 100-101 फारेनहाइट बुखार रहता है। कमजोरी महसूस होती है। नाक बहती है। गले में खरास रहती है व सुगंध नहीं आती है। बलगम रहित खांसी या सूखी खांसी आती है। सामान्य संक्रमण होने पर तीन से चार दिन के बाद रोगी अच्छा महसूस करने लगता है लेकिन ओमिक्रोन के मामले में मरीज को स्थिति में सुधार नहीं महसूस होता।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
चेस्ट रोग विशेषज्ञ डा. अख्तर बताते हैं कि कोरोना की दूसरी लहर भी यूरोप के बाद भारत आई थी और अब भारत में ओमिक्रोन के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। संक्रमण की नई लहर फरवरी 2022 में तेजी पकड़ सकती है। कोरोना वायरस नाक, गला और फेफड़ों को संक्रमित करता है। नाक और गले में रुक जाए तो मरीज आसानी से सप्ताह भर में ठीक हो जाता है, लेकिन अगर संक्रमण फेफड़ों में पहुंच गया तो यह गंभीर निमोनिया बनकर जानलेवा हो जाता है। इसका खतरा सर्दियों में कई गुना होता है। पारा 15 डिग्री से कम रहने पर वायरस तेजी से बढ़ता है। ऐसे ठंड में मौसम पूरी एहतियात बरतना आवश्यक है।