बता दें कि घाघरा नदी प्रति वर्ष बरसात में कहर बरपाती है। लोगों को करोड़ों की क्षति का सामना करना पड़ता है। ग्रामीण लंबे समय से रिंग बांध बनवाने की मांग कर रहे है लेकिन यह मांग अब तक पूरी नहीं हुई। यहीं नहीं पिछली वर्ष बाढ़ में बंधे को पहुंची क्षति की भी मरम्मत अब तक विभाग नहीं करा सका है।
पिछले वर्ष बाढ़ के दौरान दो स्थान पर बंधा टूटा था। इस बार ठोकर का निर्माण अधूरा होने से लोग सहमे हैं कि आगे क्या होगा। अब तो नदी ने कटान भी शुरू कर दी है। बगघवा गांव में 70 घर की आबादी निवास करती है जिसमें से 40 घर अब घाघरा नदी की कटान के करीब हैं। इससे ग्रामीणों में दहशत बनी है।
यहां के लोग बारी बारी से पलायन कर रहे हैं। गांव से पहले ग्राम समाज की जमीन में मिट्टी पाट कर अपना आशियाना बना रहे हैं। कुछ लोग बगल के गांव अजगरा मसर्की में भी विस्थापित हो रहे हैं। इसी तरह झगड़हवा गांव में 70 घर, साधु का पूरा में 50 घर, वासु का पूरा में 15 घर घाघरा नदी के तटवर्ती क्षेत्र में आते हैं। धीरे-धीरे इस गांव के पास भी घाघरा नदी खेती की जमीन काटकर आबादी की तरफ बढ़ रही है। गांगेपुर में कुड़वा रिंग बंधा, परसिया रिंग बंधा घाघरा नदी काट रही है।
BY Ran vijay singh