7 सितम्बर को हर्षित अपने दो दोस्तों जगदीश और नकुल के साथ तार चुराने गया था। बिजली विभाग ने गांव में खराब एक तार की जगह नया तार लगा दिया था और पुराना वाला ऐसे ही छोड़ दिया था। उसी तार को चुराने हर्षित गया था। जैसे ही उसने तार को हाथ लगाया उसमे करेंट आ गया और हर्षित की मौके पर ही मौत हो गई। दोनों दोस्तों ने डर के मारे ये बात किसी को नहीं बताई और शव को बाजरे के खेत में छुपा दिया।
शव से बदबू उठने के बाद लोगों को हर्षित की मौत के बारे में पता चला था।
गांव में हर्षित को अपने उन्हीं दोस्तों के साथ शराब की दुकान से शराब खरीदते हुए देखा गया था। परिजनों ने इन्हीं दोस्तों पर हर्षित की हत्या का आरोप लगाया था।
फोरेंसिक टीम के साथ आए डॉग स्क्वायड भी मौके पर मौजूद पिलास और चप्पल को सूंघ कर एक आरोपी के घर तक पहुंची थी।