आजमगढ़

ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना अब नहीं होगा आसान, आटोमेटिक ड्राइविंग ट्रैक पर देना होगा ट्रायल

अब ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना आसान नहीं होगा। कारण कि अब हर अभ्यर्थी को आटोमेटिक ड्राइविंग ट्रैक पर ट्रायल देना होगा। ट्रायल में पास होने के बाद ही लाइसेंस जारी होगा। कार्यदायी संस्था उत्तर प्रदेश समाज कल्याण निर्माण निगम(यूपीसिडको) द्वारा आटोमेटिक ड्राइविंग ट्रैक का निर्माण कराया जा रहा है। इसकी कुल लागत 7.369 करोड है। 31 दिसंबर 2022 तक इसका निर्माण पूरा हो जाएगा। भवन, चहारदीवारी, गार्ड रूम के साथ ट्रैक का तेजी से चल रहा है।

आजमगढ़Jul 11, 2022 / 05:03 pm

Ranvijay Singh

प्रतीकात्मक फोटो

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
आजमगढ़. अगर ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने का प्लान कर रहे हैं तो सावधान हो जाइए। अब पहले की तरह बिना किसी जांच या परीक्षा के लाइसेंस नहीं बनने वाला है। बल्कि अब लाइसेंस बनवाने के लिए वाहन चालकों को आटोमेटिक ड्राइविंग ट्रैक से गुजरना होगा। खास बात है कि परीक्षा के दौरान आरआई या किसी अधिकारी को वहां मौजूद नहीं रहना होगा बल्कि ट्रैक में लगे सेंसर से वे अपने कार्यालय से ही निगरानी कर सकेंगे। परीक्षा पास करने के बाद ही ड्राइविंग लाइसेंस जारी होगा। गंभीर वन में निर्माणाधीन ट्रैक दिसंबर माह तक तैयार हो जाएगा। इस पर टेस्ट देते ही लाल व हरी बत्ती चालक को बता देगी कि आप पास हैं या फेल।

बता दें कि अब तक आजमगढ़ में इस तरह की व्यवस्था नहीं थी। लोग आवेदन करते थे और कुछ औपचारिकताओं को पूरी करने के बाद लाइसेंस जारी कर दिया जाता था। अब दिसंबर माह से आटोमेटिक ड्राइविंग ट्रैक पर टेस्ट देने के बाद ही लाइसेंस जारी होगा। यानि की हर हाल में परीक्षा पास करनी होगी। परीक्षा में फेल हुए तो लाइसेंस नहीं बनेगा बल्कि दोबारा परीक्षा देनी होगी।

एआरटीओ सत्येंद्र कुमार यादव ने बताया कि आटोमेटिक ड्राइविंग ट्रैक गंभीरवन में 7.36 करोड़ की लागत से बन रहा है। इसका 68 फीसद काम पूरा हो गया है। परिवहन विभाग की तरफ से गंभीरवन में ट्रैक का निर्माण यूपी स्टेट कांस्ट्रक्शन एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलेपमेंट कारपोरेशन करा रहा है। ट्रैक के पास कंट्रोल रूम होगा, जो परीक्षा दे रहे वाहन चालक पर नजर रखेगा। इतना ही नहीं यह पूरी तरह से आनलाइन होगा। यानी एक क्लिक पर वाहन चालक की सारी गलतियां भी पता चल जाएंगी।

वाहन गलत तरीके से चलाने पर लाल व हरी बत्ती फेल व पास का इशारा कर देगी। ट्रैक पर यदि चालक सही तरीके से वाहन चलाता है और यातायात नियमों की जानकारी रखने में पास हो जाता है, तो ही उसे लाइसेंस जारी किया जाएगा। ट्रैक पर एचडी गुणवत्ता के सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं। जांच के लिए ट्रैक पर स्पीड ब्रेकर, स्लोप, जेबरा लाइन, ट्रैफिक लाइट भी होंगी। इनकी निगरानी के लिए यहां सेंसर लगाए जाएंगे। इसमें पास या फेल हो जाता है तो इसके लिए उसे वीडियो रिकार्डिंग दिखाने के साथ उसकी सीडी भी सौंपी जाएगी। इससे उसे यह पता चलेगा कि उसने कहां पर कौन सी गलती की थी।

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