पत्रिका न्यूज नेटवर्क लखनऊ.coronavirus Effect. कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए अब फिर से धार्मिक आयोजन प्रभावित होने लगे हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रसिद्ध नौचंदी मेले के बाद अब 27 अप्रैल (चैत्र पूर्णिमा) से शुरू होने वाली 84 कोसीय परिक्रमा भी स्थगित कर दी गई है। यह परिक्रमा विश्व हिंदू परिषद की अगुआई में अयोध्या के कारसेवकपुरम से हनुमान मंडल के बैनर तले निकाली जाती थी। 22 दिनों में 135 किलोमीटर तक चलने वाली यह यात्रा अयोध्या, गोंडा, बस्ती, अंबेडकरनगर और बाराबंकी सहित पांच जिलों से होकर गुजरती है। 84 कोस में रामनगरी की सांस्कृतिक सीमा मानी जाती है। प्रत्येक वर्ष हजारों की संख्या में साधु-संत और गृहस्थ यहां परिक्रमा करने आते हैं।
चौरासी कोसी परिक्रमा के प्रभारी सुरेन्द्र सिंह ने बताया कि श्रीराम नवमी के तत्काल बाद हनुमान मंडल अयोध्या के तत्वाधान में संचालन में कारसेवकपुरम से प्रस्थान कर मखभूमि मखौड़ा से प्रारंभ होकर अवध धाम के चौरासी कोस में चलती है, जो चैत्रपूर्णिमा से प्रारंभ होकर सीता नवमी तक अनवरत चलती आ रही है। इस दौरान श्रृंगीऋषि आश्रम, गोसाईगंज, तारुन, आस्तीकन, जनमेजयकुंड, अमानीगंज, रूदौली, पटरंगा,पसका, वराही देवी, सूकर क्षेत्र आदि सीमावर्ती जिलों से होकर अयोध्या सरयू तट पर पहुंचती है। उन्होंने बताया इस बार भी कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखकर परिक्रमा स्थगित कर दिया गया है। जो इस बार 27 अप्रैल चैत्रपूर्णिमा को प्रारंभ होनी थी।
समाजहित में परिक्रमा रोकी गई : विहिप विहिप मीडिया मीडिया प्रभारी शरद ने कहा कि यह परिक्रमा हमारी सामाजिक समन्वय धार्मिक सांस्कृतिक परम्परा की अनमोल धरोहर है। इसको जीवंत रखना हमारा कर्तव्य है। लेकिन, देश और समाज को सुरक्षित रखना उसके स्वास्थ्य के प्रति संवेदनशील होना भी आवश्यक है। हनुमान मंडल द्वारा इस बार कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हनुमान मंडल का परिक्रमा स्थगन का निर्णय समाजहित में है।