पत्थरों को तराशने का काम जारी दरअसल अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए पत्थर तराशने का काम लगातार जारी है। विश्व हिंदू परिषद के मुताबिक साल 1990 से लेकर अबतक लगभग 1 लाख घन फीट पत्थर मंदिर के लिए तराशे जा चुके हैं और आगे भी यह काम लगातार जारी है। विहिप कार्यकर्ताओं का कहना है कि भव्य राम मंदिर बनाने में 1 लाख 75 हजार घन फीट पत्थरों की जरूरत होगी। पत्थरों को तराशने का काम काफी हद तक हो चुका है। पत्थरों का आना और उनको तराशने का काम तेजी से चल रहा है।
हम खुद करेंगे पत्थरों की व्यवस्था वहीं वीएचपी की तरफ से पत्थरों को लेकर हुई तैयारी को अयोध्या मामले के एक पक्ष निर्मोही अखाड़ा ने बड़ा झटका दिया है। निर्मोही अखाड़ा के पक्षकारों ने पत्थरों को लेकर बड़ा बयान दिया है। उनके मुताबिक राम मंदिर के निर्माण में विश्व हिंदू परिषद के तराशे हुए पत्थरों का बिल्कुल भी इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। निर्मोही अखाड़े का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट से अगर हमारे पक्ष में फैसला आता है तो हम राम जी की कृपा से अपनी व्यवस्था हम खुद करेंगे। हम राम मंदिर बनाने में वीएचपी के पत्थरों का इस्तेमाल नहीं करेंगे।
मामले के तीन पक्षकार आपको बता दें कि अयोध्या मामले में तीन पक्ष सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला हैं। इससे पहले 30 सितंबर, 2010 को उच्च न्यायालय की तीन सदस्यीय पीठ ने 2:1 के बहुमत वाले फैसले में कहा था कि अयोध्या की विवादित 2.77 एकड़ जमीन को इस मामले के तीनों पक्षों सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला में बराबर-बराबर बांट दिया जाए। अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई विवादित भूमि को तीन भागों में बांटने वाले 2010 के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर याचिकाओं पर है।