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बड़ा बयान : अयोध्या में राम मंदिर निर्माण पर बोले सीएम योगी बड़े काम के लिए होनी चाहिए बड़ी भूमिका अयोध्या के प्रबुद्ध वर्ग ने कहा तीन तलाक और धारा 370 की तरह राम मंदिर के लिए दृढ इच्छा शक्ति दिखाएँ पीएम मोदी 6 अगस्त से रोजाना सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) के 5 जजों की विशेष न्याय पीठ इस मुकदमे की रोजाना सुनवाई शुरू कर चुकी है जिससे यह उम्मीद जगी है कि आने वाले कुछ ही महीनों में इस विवाद का हल भी निकल सकता है . बताते चलें कि 15 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ( CJI ) सेवानिवृत्त हो रहे हैं इसलिए उम्मीद भी इस बात की है कि आने वाले 3 महीनों में इस विवाद की का हल निकल सकता है . इस बीच अयोध्या के आम लोगों ने इस मुद्दे पर अपनी राय शुमारी की है .स्थानीय कारोबारी साकेत शरण मिश्र का कहना है कि न्यायालय का चक्कर काटते हुए 50 साल का वक्त बीत चुका है . अगर इस विवाद के हल के लिए मोदी सरकार निजी तौर पर संसद में कोई कानून बनाकर अयोध्या में अगर राम मंदिर का निर्माण कराती है तो जाहिर तौर पर अयोध्या का सर्वांगीण विकास होगा और पर्यटन के नक्शे पर अयोध्या की तस्वीर उभरेगी .पेशे से शिक्षक आलोक मिश्र का कहना है जितनी दृढ़ इच्छाशक्ति वर्तमान केंद्र सरकार में है उतना अभी तक किसी सरकार में नहीं रही . तीन तलाक बिल ( teen Talaq Bill ) हो या अब कश्मीर में धारा 370 का मामला एक दृढ़ इच्छाशक्ति से ही यह संभव हो सका . एक आम अयोध्या के निवासी के तौर पर मेरा यह विश्वास है कि सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के अलावा अगर कुछ इसी तरह का प्रयास संसद में किया जाए जैसा कश्मीर को लेकर किया गया तो भी अयोध्या का विवाद खत्म हो सकता है . वरना तो सुनवाई और गवाही का लंबा दौर चल ही रहा है .
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बड़ा बयान : बोले बाबरी के पक्षकार पूरे देश के मुसलमानों को देना चाहिए सरकार का साथ,अब घाटी से खत्म होगा आतंकवाद मंदिर मस्जिद के पैरोकारों ने भी कहा केंद्र सरकार अगर करती है प्रयास तो संसद के रास्ते निकल सकता है हल बाबरी मस्जिद ( Babari Masjid ) मामले के मुद्दई इकबाल अंसारी (
Iqbal Ansari )का कहना है कि देश में सभी को अपनी बात कहने का हक है . हमें न्यायालय के फैसले पर पूरा भरोसा है और हम उसी उम्मीद पर कायम है .तीन तलाक और धारा 370 जैसे मसले को हल करने वाली केंद्र सरकार राम मंदिर बाबरी मस्जिद विवाद को हल करने के लिए कोई बेहतर प्रयास कर सकती है तो उसे करना चाहिए ,वरना न्यायालय अपनी सुनवाई कर रहा है .नाका हनुमानगढ़ी ( Naka Hanumangadhi Faizabad ) के महंत और राम मंदिर मामले के पैरोकार महंत रामदास ( Mahant Ramdas ) का भी यही कहना है कि पूर्व में न्यायालय की प्रक्रिया में जितना वक्त गुजरा है उसके बाद अब और प्रतीक्षा करने की स्थिति नहीं है .रोजाना सुनवाई से विश्वास जगह कि अब इस विवाद का हल हो सकता है. इसके अलावा केंद्र सरकार के पास भी मौका है कि वहअपने स्तर पर इस विवाद के हल के लिए वह कुछ कदम उठा सकें .
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#Article370 : विहिप ने कहा 72 वर्षो बाद धारा 370 मुक्त जम्मू-कश्मीर अब खुली हवा में सांस लेगा अयोध्या के आम मुस्लिमों ने कहा देश की बड़ी आबादी की आस्था से जुड़ा है मुद्दा संसद में कानून बनाकर विवाद समाप्त करे मोदी सरकार पेशे से पत्रकार अरशद अफजाल की राय है कि अगर संसद में कानून बनाकर अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ हो सकता है तो केंद्र सरकार को इस दिशा में प्रयास करना चाहिए . देश की बड़ी आबादी की आस्था से जुड़ा मुद्दा है और अगर देश की संसद में बैठे सदस्य कोई फैसला लेते हैं तो उसे सभी वर्गों को मानना चाहिए . वैसे भी बाबरी मस्जिद का नाम लेकर लंबे समय से मुस्लिम समुदाय के लोगों को बरगलाया जाता रहा है .न्यायालय की कार्रवाई अपनी जगह है लेकिन अगर केंद्र सरकार संसद में कानून बनाकर इस विवाद का हल कर सकती है तो एक काम नागरिक होने के नाते मेरा यह मानना है कि आप मुसलमान को इसमें कोई आपत्ति नहीं होगी और यह इस विवाद के पटाक्षेप का एक अच्छा रास्ता हो सकता है . सामजिक कार्यकर्ता बबलू खान की भी ये राय है कि अभी तक जितने सबूत और गवाह न्यायालय में प्रस्तुत हुए हैं उनसे यह स्पष्ट है कि वहाँ राम का मंदिर था ,इसलिए न्याय यही है कि उस स्थान पर भव्य मंदिर का निर्माण हो,वैसे भी बाबर देश के किसी मुसलमान का आदर्श नहीं हो सकता .