राम मंदिर का निर्माण, जर्जर मंदिरों के विग्रह की 28 साल बाद शुरू हुई पूजा-अर्चना
जरूरत भर की राशि रहेगी बैंक खातों में
बैठक की जानकारी ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरी ने दी। उन्होंने बताया कि बैठक में राम जन्मभूमि परिसर में अब तक हुए कार्यों का रिव्यू किया गया। दूसरी बैठक मंदिर की आर्थिक व्यवस्था को लेकर हुई। बैठक में तय हुआ कि जरूरत और दैनंदिन के कामों के लिए जितनी राशि की जरूरत है उसको बैंक में छोड़कर शेष राशि एक साल,दो साल और तीन साल के लिए सरकारी प्रतिभूतियों और सिक्योर्ड बांड में जमा की जाए ताकि इस राशि पर समुचित ब्याज मिल सके। इसकी कार्ययोजना सीए से पूछ कर की जाएगी। रामजन्मभूमि परिसर के निर्माण कार्यो पर पेपर वर्क भी किया जा रहा है। मंदिर निर्माण और परकोटा निर्माण के बाद आगे की जरूरतें क्या होंगी इसकी एक्सेल और कंप्यूटराइज्ड शीट तैयार की गयी है। इसका लेखा जोखा ट्रस्ट के सदस्यों के बीच रखा गया। 15 दिन के अंदर संपूर्ण कार्ययोजना आर्किटेक के द्वारा तैयार की जाएगी।
बैठक में जानकारी दी गयी कि राम जन्मभूमि परिसर में म्यूजियम, गौशाला, लाइब्रेरी, वेद विद्यालय, अनुष्ठान मंडप, ओपन एयर थिएटर सहित अन्य योजनाओं पर भी काम होना है। किस प्रकार, कितनी कैपेसिटी के तहत निर्माण कार्य होगा इस पर विचार किया जा रहा है। अंतिम निर्णय अगली बैठक में लिया जाएगा। 15 जून को आर्कीटेक्ट के साथ बैठक में मंदिर और आसपास के क्षेत्र के सुंदरीकरण पर भी चर्चा होगी। योजना का प्रारूप संतों के पास भेजा जाएगा। उनसे विचार विमर्श कर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।