मंदिर के बेस प्लिंथ का काम पूरा ट्रस्ट महासचिव चंपत राय ने बताया कि, मंदिर के बेस प्लिंथ का काम लगभग पूरा हो गया है। पूरे मंदिर का 40 फीसदी काम अब तक पूरा हुआ। रिटेनिंग वॉल के बगल पटाई का काम चल रहा है। जिस पर परकोटा का निर्माण शुरू होगा। चूंकि परिक्रमा मार्ग मंदिर के चारों तरफ करीब एक किमी की लंबाई का होगा। इसलिए इसे छायादार बनाया जाएगा। जिस पर ऐसे मजबूत पत्थरों की फर्श बने जो मजबूती से साथ फिसलन रहित भी हों। तकनीकी विशेषज्ञों से ऐसे पत्थरों के बारे मे राय लेने का निर्णय किया गया है।
यह भी पढ़ें
– अब ज्योतिष और संस्कृत के छात्र बनेंगे आर्किटेक्ट लाइटिंग चर्चा का अहम मुद्दा दिव्य और भव्य मंदिर को दूर से देखा जा सके इसके लिए पार्लियामेंट के तर्ज पर लाइटिंग के कार्य को कराने की योजना बनाई जा रही है। ट्रस्ट महासचिव चंपत राय ने कहाकि, मंदिर में बिजली का आंतरिक और वाह्य कार्य कैसे करवाया जाए यह भी चर्चा का प्रमुख बिंदु रहा।
परिसर में दिखें ग्रीनरी के खूबसूरत नजारे चंपत राय ने बताया कि, बैठक में सहमति बनी है कि राम जन्म भूमि मंदिर परिसर में ग्रीनरी के खूबसूरत नजारे दिखें। इसलिए परिसर में सड़कों और वृक्षों के खास समायोजन के साथ लैंड स्केपिंग का काम चल रहा है। मंदिर निर्माण अपने टाइम स्केल के अनुसार तेजी से करवाया जा रहा है। मंदिर निर्माण समिति की बैठक रविवार को सर्किट हाउस में कई घंटे तक चली। इसकी अध्यक्षता मंदिर निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र ने की।
यह भी पढ़ें
– UP Board : छात्र अब 31 अगस्त तक कर सकेंगे रजिस्ट्रेशन खुशखबर, श्री रामलला के गर्भगृह में विराजमान होने की तिथि तय दिसम्बर 2023 तक भव्य राम मंदिर के गर्भगृह के निर्माण का कार्य पूरा हो जाएगा। सूत्रों की माने तो जनवरी 2024 मकर संक्रांति पर श्री रामलला को गर्भगृह पर विराजमान कराया जाए। इसलिए निर्माण स्थल पर रात दिन कार्य किया जा रहा है। तो वही निर्माण कार्य के दौरान पत्थरों की आपूर्ति व कारीगरों की संख्या बढ़ाए जाने के साथ 2024 के भव्य आयोजन की तैयारी को लेकर भी ट्रस्ट ने मंथन शुरू कर दिया है। विश्व हिंदू परिषद के प्रांतीय प्रभारी शरद शर्मा ने बताया कि श्री राम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट संस्था कृत संकल्पित है जिसका निर्माण प्रधानमंत्री के गृहमंत्री के प्रेरणा से हुआ है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की पूरी इच्छा है कि, भगवान भव्य मंदिर में विराजमान हो और यह प्रयास है कि 2023 में दिसंबर तक गर्भगृह का निर्माण हो जाए और जनवरी 2024 में मकर संक्रांति के अवसर भगवान अपने गर्भ गृह में विराजमान हो इस तरह का प्रयास हो रहा है।