राम मंदिर निर्माण की प्रक्रिया में लगे हैं 40 इंजीनियर 250 वर्कर राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के द्वारा भगवान श्री राम लला को 2023 दिसंबर तक विराजमान कराए जाने का दावा कर रहा है। लेकिन इस बीच राम मंदिर का निर्माण ट्रस्ट के चीफ इंजीनियर जगदीश आफड़े ने आगामी 3 वर्षों में पूरे भव्य मंदिर के निर्माण की प्रक्रिया को पूरा करने का दावा कर दिया है। इंजीनियर के मुताबिक डेढ़ वर्षो से राम जन्मभूमि परिसर में निर्माण कार्य की प्रक्रिया में लगे हुए हैं मंदिर के फाउंडेशन का कार्य लगभग पूरा कर लिया गया है। और आगे 2 वर्षों में मंदिर के गर्भगृह में भगवान श्री राम लला को विराजमान कराए जाने तक की प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाएगा तो वही 3 वर्षों में मंदिर निर्माण के बाद आगामी 5 वर्षों में परकोटे के निर्माण का कार्य भी पूरा हो जाएगा। वही बताया कि अभी इस प्रक्रिया के लिए 250 वर्कर और 40 इंजीनियर लगे हुए हैं लेकिन कार्य क्षमता को देखते हुए आवश्यकता पड़ी तो इन वर्करों की संख्या और भी बढ़ाई जा सकती है।
मंदिर निर्माण में मशीनों से लगाए जाएंगे पत्थर मंदिर निर्माण की योजना बताते हुए कहा कि नींव निर्माण में लगभग 1 वर्ष बीत गए अब फाउंडेशन के कार्य पूरा हो रहा है। जिसके बाद पत्थरों का कार्य शुरू कर दिया जाएगा। प्लिंथ बनते ही राजस्थान के पिंक स्टोन से मंदिर निर्माण की प्रक्रिया को शुरू कर दिया जाएगा। जिसके लिए बड़ी-बड़ी मशीनों को लगाया गया है कम समय में ही प्रथम तल के सभी हम खंभों को खड़ा कर दिया जाएगा और फिर उसके ऊपर छत लगाए जाने की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी। और इसी प्रक्रिया के तहत तीनों मंजिल का कार्य किया जाएगा। जिसके बाद इन पत्थरों में बचे तराशी के कार्य को मंदिर निर्माण की प्रक्रिया के दौरान भी किया जाएगा। तो वही बताया कि अधिकतर कार्यों को मशीनों से ही किया जा रहा है। आवश्यकता अनुसार आगे वर्करों को भी बढ़ाया जा सकता है।